बैंकॉक। कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पेशकश के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी।
जयशंकर इस समय थाईलैंड की राजधानी में हैं। वह आसियान-भारत मंत्रिस्तीय बैठक, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक, 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच और 10वें मेकोंग गंगा निगम मंत्रिस्तरीय बैठक समेत कई सम्मेलनों में भाग लेने यहां आए हैं।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘(अमेरिका के विदेश मंत्री) पोम्पिओ से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी समकक्ष पोम्पिओ को आज सुबह स्पष्ट रूप से यह बता दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी।’’
जयशंकर ने बैंकॉक में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर पोम्पिओ से मुलाकात की। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता संबंधी ट्रम्प के विवादास्पद बयान के बाद दोनों अधिकारियों की यह पहली आधिकारिक बैठक है।
ट्रम्प ने जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में पहली बार पिछले महीने मुलाकात की थी तब उन्होंने कश्मीर मामले पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘मध्यस्थता’’ की पेशकश की थी।
भारत सरकार ने ट्रम्प के हैरान कर देने वाले इस दावे को खारिज कर दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे इस मामले पर मध्यस्थता करने कहा था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान ने कहा था कि वह तैयार हैं और कश्मीर मामले पर अमेरिका के इस कदम का स्वागत करते हैं।