जयपुर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा जितनी ज्यादा चलेगी, सरकार उतनी ही जवाबदेह और पारदर्शी बनेगी क्योंकि सदन के माध्यम से हर जिले, गांव, ढाणी की समस्याओं का सरकार को पता चलता है। राजस्थान विधानसभा में रविवार को विधानसभा सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि देश और राज्य हित में विधानसभा और लोकसभा के सदस्यों को विधायी चर्चा के दौरान पार्टी लाईन से ऊपर उठकर भाग लेना चाहिए। राजस्थान विधानसभा के पूर्व में सदस्य रह चुके बिरला ने कहा कि सदन में विपक्षी सदस्यों का आसन के समक्ष जाना उचित नहीं है क्योंकि इसके चलते सदन को स्थगित करना पड़ता है। उन्होंने कहा ‘‘आसन के समक्ष जाने से कोई सदस्य नेता नहीं बन जाता। इसके बजाय जनता की आवाज को सदन ज्यादा ज्यादा से उठाना चाहिए।
बिरला ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा में कानून बनाते समय सार्थक चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा सही तरीके से चलेगी तो राज्य विधानसभाओं को भी उसका अवलोकन करना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों को नियमों के तहत अपने मुद्दे उठाने चाहिए और मर्यादा में रहकर तथ्यों के आधार पर आरोप लगाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सत्र लंबे होने चाहिए और सदस्यों को राज्य और देश हित में पार्टी लाईन से ऊपर उठकर सदन में चर्चा में भाग लेना चाहिए। लंबे सदनों की कार्यवाही सरकार को ज्यादा जवाबदेह बनाती है। इसी तरह उन्होंने कहा कि सदनों में ज्यादा प्रश्न उठाए जाने से संबंधित मंत्रियों को अपने विभागों की अच्छे तरीके से समीक्षा करने का अवसर मिलता है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब सदन चल रहा हो तो सदस्यों को ज्यादा से ज्यादा समय सदन में व्यतीत करना चाहिए क्योंकि इससे ज्यादा सीखने को मिलता हैं
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सी पी जोशी ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम से सदस्यों की क्षमता बढे़गी और संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में सीखने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विधानसभा के सदस्यों को संसदीय परम्पराओं के बारे अपनी समझ बढाने में मदद मिलेगी। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रबोधन उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान राजस्थान विधानसभा के सभी वर्तमान सदस्य और कई पूर्व सदस्य भी मौजूद रहे।