पूर्व सैनिक आत्महत्या काण्ड को भुनाने की पुरजोर कोशिश
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के इतिहास में शायद यह पहली घटना होगी कि पार्टी के किसी शीर्ष नेता को दो दिन में तीसरी बार दिल्ली पुलिस की और से हिरासत में लिया गया हो. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मामले में दिल्ली पुलिस को ऐसा करना पड़ा. उन्हें दो दिनों में तीन बार हिरासत में लिया गया और छोड़ दिया गया. लगता है पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने को लेकर मुखर हुयी कांग्रेस पार्टी के हाथ पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल आत्महत्या कांड उनके लिए संजीवनी बूटी के रूप मिल गया है. दूसरी तरफ आप नेता व दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने भी इस मुद्दे को झटकने को साड़ी ताकत झोंक दी है.
राहुल गाँधी ने इसे भुनाने की पुरजोर कोशिश शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राजनितिक हमले तेज करते हुए उन्होंने आरोप लगाया है की मोदी सरकार ने राम किशन ग्रेवाल के परिवार के साथ गलत बर्ताव कर सेना का मनोबल गिराया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रामकिशन के परिवार से माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने यह ऐलान कर दिया है की जब तक पीएम मोदी माफी नहीं मांगेंगे मैं यहीं बैठा रहूंगा.
माफ़ी मांगने तक जंतर मंतर में धरना
बताया जाता है की गुरुवार शाम को राहुल गांधी जंतर-मंतर पर कांग्रेस के कैंडल मार्च में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. पत्रकारों से बातचीत में राहुल गाँधी ने आरोप लगाया की उन्हें धारा 144 का हवाला देकर दिल्ली पुलिस ने यहां बैठा रखा है. उन्होंने कहा की मेरे सामने सरकार ने पूर्व सैनिक ग्रेवाल की फैमिली को गिरफ्तार कराया और पुलिस ने मारा. इसके लिए पीएम मोदी को माफी मांगनी होगी, तब तक मैं तो यहीं बैठा रहूंगा.
अंतिम संस्कार में राहुल गाँधी भिवानी भी गए
कथित रूप से वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर आत्महत्या करने वाले पूर्व सूबेदार रामकिशन ग्रेवाल के मामले में कांग्रेस सीधे मैदान में कूद गयी है और प्रदर्शन व कैंडल मार्च व बयानबाजी का सहारा लेकर मोदी पर दवाव बनाने की कोशिश में है. इससे पूर्व बुधवार को भी राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस ने दो बार हिरासत में तब लिया था जब वे उनसे मिलने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में घुसना चाहते थे. गुरुवार को पूर्व फौजी के अंतिम संस्कार में राहुल गाँधी भिवानी भी गए थे.
मुद्दे को झटकने की कोशिश में केजरीवाल
दूसरी तरफ इस मुद्दे को भुनाने की पुरजोर कोशिश में जुटे अरविंद केजरीवाल रामकिशन के घर पहुंचे और उसके परिवार को एक करोड़ रुपए की मदद और नौकरी देने का ऐलान कर दिया. भिवानी में अंतिम संस्कार में राहुल गांधी, कमलनाथ, भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई नेता पहुंचे थे. दिल्ली सरकार ने रामकिशन को शहीद का दर्जा देने की भी घोषणा की है जबकि हरियाणा सरकार ने इसका विरोध यह कहते हुए किया की शहीद का दर्जा तो फ्रंट पर लड़ कर मरने वाले सुरक्षा बलों को दी जाती है.
खट्टर ने कहा खुदकुशी करने वाला शहीद नहीं
हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि खुदकुशी करने वाला शहीद नहीं कहलाता. वीर कभी खुदकुशी नहीं किया करते. राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार करने का फैसला सम्बन्धी सवाल अपर सीएम ने कहा कि राजकीय सम्मान अलग बात है. सैनिक था देश के लिए लड़ा, अब भले ही सुसाइड किया है, पर था तो फौजी ही. खट्टर ने साफ कर दिया है कि रामकिशन को दिल्ली सरकार ने शहीद का दर्जा दिया है तो उसे उसी राज्य में शहीद माने जाएंगे हरियाणा में नहीं.
अंतिम संस्कार में भाजपा नेता भी
हालाँकि भाजपा की तरफ से अंबाला के सांसद रत्नलाल कटारिया और भिवानी के सांसद धर्मबीर सिंह भी रामकिशन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए . प्रदेश सरकार की तरफ से परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार भी पहुंचे.