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चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2018 के दौरान की गई मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत विभिन्न विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करवाने के लिए विभागों के सचिवों को प्रति सप्ताह व्यक्तिगत रूप से कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मंत्रियों से भी उनके विभागों से संबंधित कार्यों की प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित करने के लिए कहा है और यदि आवश्यक हो, तो वह स्वयं कुछ विभागों की घोषणाओं की समीक्षा करेंगे।
मनोहर लाल आज यहां मुख्य विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी भूमि की अनुपलब्धता के कारण मुख्यमंत्री की घोषणाओं में प्रगति धीमी है, उस स्थिति में संबंधित विभाग को भूमि की बिक्री और खरीद के लिए ऑनलाइन पोर्टल ई-भूमि पर अपना अनुरोध देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस पोर्टल को कारगर बनाने के लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) की बैठक करेंगे ताकि विकास परियोजनाओं के लिए भूमि जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने विभागों से विकास कार्यों की एक सूची तैयार करने के लिए भी निर्देश दिए हैं जो आवश्यक भूमि की अनुपलब्धता के कारण रुक गए हैं।
इससे पहले, उन्होंने मुख्य विभागों की प्राप्ति और व्यय की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बजट सभी गतिविधियों का मुख्य आधार है और विभागों से धन का इष्टतम उपयोग करने के लिए कहा जाता है। उन्होंने जिन विभागों की समीक्षा की उनमें सिंचाई और जल संसाधन, जनस्वास्थ्य और अभियांत्रिकी, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला और बाल, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा, नव और नवीकरणीय ऊर्जा, उद्योग और वाणिज्य शामिल थे।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष वित्त विभाग दिसंबर, 2018 के माह में साल 2018-19 के लिए संशोधित अनुमान (आरई) प्रस्तुत करेगा और जोकि मार्च 2019 में पेश नहीं होगा ताकि विभागों को आवंटित धन का उपयोग चालू वित्त वर्ष के दौरान अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सके। इसे ध्यान में रखते हुए सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर आरई 2018-19 के बारे में आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले, बजट अनुमान को हर साल फरवरी या मार्च के महीने के दौरान अंतिम रूप दिया जाता था।
बैठक में यह भी बताया गया कि विभिन्न बैंक खातों में विभागों के धन होने पर, इस प्रकार के डाटा को चैक करने के लिए लगभग 1000 आहरण एवं वितरण अधिकारी (डीडीओ) की सहयोग से एकत्र किया जा रहा है। बैठक में यह भी बताया गया कि कि बैंकों का एक डैशबोर्ड भी तैयार किया जा रहा है जो विभागों द्वारा संचालित बैंक खातों की संख्या और ब्रांच के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। राज्य में 4,827 बैंक शाखाएं हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के दौरान, यह उल्लेख किया गया था कि सभी सरकारी विभागों को धन की एकत्रिता (पार्किंग) से बचने के लिए एक ही बैंक खाता रखना होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव आशीमा बराड, राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू, स्कूल शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस एस प्रसाद, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी सी गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, वित्त विभाग के प्रधान सचिव टीवीएसएन प्रसाद, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, सिंचाई और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अनुराग और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।