नई दिल्ली। एनएमसीजी ने वन रोपण और लोगों तक पहुंच के कार्यों में लगे रहने के लिए एचसीएल फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने एचसीएल फाउंडेशन और जर्मन विकास एजेंसी जीआईजेड (डोयशे जेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जूसामेनारबीट) के सहयोग से रविवार, 4 नवंबर, 2018 को एचसीएल के नोएडा परिसर में बाल गंगा मेला आयोजित किया। एचसीएल फाउंडेशन की सहायता वाले नोएडा के सरकारी स्कूलों, संपर्क केंद्रों, चैम्पियनों और विद्वानों के 500 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया। इसी दिन 2008 में गंगा नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था और यह दिन पवित्र नदी में नई जान डालने के बारे में लोगों को जागरूक करने, बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने तथा जिम्मेदार नागरिक बनाने के संबंध में शिक्षित करने के लिए समर्पित किया गया।
बाल गंगा मेले का उद्घाटन एनएमसीजी के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा, सीएसआर की निदेशक सुश्री निधि पुंढीर और एससीएल फाउंडेशन की प्रमुख सुश्री मार्टिना बुरकार्ड, जीआईजेड के कार्यक्रम निदेशक तथा गौतमबुद्ध नगर के मुख्य विकास अधिकारी श्री अनिल कुमार सिंह की मौजूदगी में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय में सचिव श्री यू.पी. सिंह ने किया। इस मेले का आयोजन जल और नदियों के महत्व के बारे में स्कूली बच्चों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से किया गया ताकि वे प्रदूषण रहित, स्वच्छ जल और जल सुरक्षा के महत्व को समझ सकें, साथ ही प्राकृतिक वातावरण के प्रति आदर जगाने के साथ ही बच्चों को परिवर्तन का प्रतिनिधि बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके जिससे वे नदी के कायाकल्प और जल संरक्षण के लिए अन्य लोगों को प्रेरित कर सकें।
इस में भाग लेने वाले बच्चों ने दिन भर पानी की गुणवत्ता का परीक्षण, कचरे को अलग करने, संवादमूलक खेल, नुक्कड़ नाटक, रंगोली, पेंटिग, क्विज प्रतियोगिता और सिनेमा दिखाने सहित अनेक क्रियाकलापों में भाग लिया।
एनएमसीजी वनरोपण और गंगा बेसिन की पर्यावरण प्रणाली और उसकी वनस्पति की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए एनएमसीजी ने एचसीएल फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ताकि गंगा की सहायक नदियों- हिंडन और यमुना पर कार्य किया जा सके और उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में वनों से ढका क्षेत्र बढ़ाया जा सके। दोनों संगठन निम्नलिखित क्षेत्र में कार्य करेंगेः
· वन और पर्यावरण संरक्षण पर संवेदनशीलता/जागरूकता कार्यक्रम
· एचसीएल फाउंडेशन के शहरी वन मॉडल-फाउंडेशन उपवन के अंतर्गत शहरों और उनके चारों तरफ वनरोपण
· सरकार द्वारा आवंटित भूमि पर सामूहिक वनरोपण तथा एचसीएल फाउंडेशन और जिला प्रशासन के सहयोग से शहरी वनीकरण
· दोनों पक्षों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने की तारीख से 10 वर्ष समाप्त होने तक 60 से 70 प्रतिशत सफलता दर से वनरोपण सुनिश्चित करना।