प्रधान मंत्री ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक लांच किया
सुभाष चौधरी/ प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज ऐतिहासिक क्षण है। इस सुविधा के माध्यम से देश के कोने-कोने में लोगों को बैंकिंग सुविधा मिलेगी। उन्होंने देशवासियों को बधाई दी ।उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट की सुविधा से सामाजिक जीवन में भी बड़ा परिवर्तन करने होने वाला है । मोदी ने कहा कि 1 सितम्बर 2018 को देश के इतिहास में एक अभूतपूर्व सुविधा की शुरुआत होने के रूप में याद किया जायेगा ।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ कल एशियन गेम्स में भारत ने अपनी Best ever Performance दिखाई है, तो दूसरी तरफ कल देश को अर्थव्यवस्था के आंकड़ों से भी मेडल मिला है। 8.2% की दर से हो रहा विकास, भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़ती हुई ताकत को दिखाता है। ये एक नए भारत की उज्ज्वल तस्वीर को सामने लाता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले जनधन के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों को पहली बार बैंक तक पहुंचाया और आज इस इनिशिएटिव से बैंक को गांव और गरीब के दरवाजे पर खड़ा करने का काम कर रहे हैं ।उन्होंने कहा कि आपका बैंक आपके द्वार सिर्फ यह कोई जुमला नहीं है बल्कि यह हमारा कमिटमेंट है। जनता के प्रति इस सपने को साकार करने के लिए लगातार एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं।
प्राधान मंत्री ने कहा कि देशभर के 650 जिलों में आज इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शाखाएं प्रारंभ हो गई है। हमारी चिट्ठियां लेने वाला डाकिया अब चलता फिरता बैंक भी बन गया है ।उन्होंने कहा कि अभी जब मैं इस प्रोग्राम में आ रहा था तो हमने पूछा क्या व्यवस्था हो रही है ।कैसे काम होना है। इस काम के बारे में विस्तार से मुझे बताया गया। उन्होंने कहा कि इससे हमारे भीतर एक विश्वास व आत्मसंतोष का भाव जगा है।इस योजना को तैयार करने वाले विशेषज्ञों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश में नया रंग लाएगा ।
उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि जमाना था डाकिये के संबंध में बहुत सारी बातें कही जाती थी । सरकारों के प्रति विश्वास डगमगाया होगा लेकिन डाकिये के प्रति विश्वास कभी नहीं डगमगाया। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों को मालूम होगा इसके बारे में जो लोग ग्रामीण जीवन से परिचित हैं उन्हें पता है कि दशकों पहले डाकिया जब 1 गांव से दूसरे गांव में चलता था उनके पास भाले पर एक गघुँघरू बंधा रहता था और जब चलते थे तो घुंघरू की आवाज आती थी ।1 गांव से दूसरे गांव से जाता था तो घुंघरू की आवाज आती थी। लोग कहते थे कि डाकिया है। कोई चोर लुटेरा भी उन्हें परेशान नहीं करता था।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में Phone Banking का प्रसार उस समय उतना नहीं हुआ था, लेकिन नामदारों ने Phone पर Banking और फोन पर कर्ज दिलवाने शुरू कर दिए थे। जिस भी बड़े उद्योगपति को लोन चाहिए होता था, वो नामदारों से बैंक को फोन करवा देता था।
पीएम मोदी ने खुलासा किया कि आजादी के बाद से लेकर साल 2008 तक, देश के बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपए की राशि ही लोन के तौर पर दी थी। लेकिन 2008 के बाद के 6 वर्षों में ये राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गई। यानि जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था, उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के 6 साल में बांट दिया।
पीएम ने दावा किया कि सरकार पुरानी व्यवस्थाओं को रिफॉर्म कर उन्हें ट्रान्सफॉर्म कर रही है, पत्र की जगह भले ईमेल ने ले ली हो लेकिन लक्ष्य एक ही है, जिस टेक्नोलॉजी ने पोस्ट ऑफिस को चुनौती दी, उसी टेक्नोलॉजी को आधार बनाकर हम इस चुनौती को अवसर में बदलने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।
उनका कहना था कि जिनको लग रहा था कि नामदार परिवार की सहभागिता और मेहरबानी से उनको मिले लाखों-करोड़ रुपए हमेशा-हमेशा के लिए उनके पास रहेंगे, हमेशा Incoming ही रहेगी, अब उनके खाते से Outgoing भी शुरू हुई है।
उन्होंने कटाक्ष किया कि जो लोग इस गोरखधंधे में लगे थे, उन्हें भी अच्छी तरह पता था कि एक ना एक दिन उनकी पोल जरूर खुलेगी। इसलिए उसी समय से हेराफेरी की एक और साजिश साथ-साथ रची गई। बैंकों का दिया कितना कर्ज वापस नहीं आ पा रहा, इसके सही आंकड़े देश से छिपाए जाने लगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय दूर संचार मंत्री मनोज सिन्हा व विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।