नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रवांडा गणराज्य (23 से 24 जुलाई), युगांडा गणराज्य (24 से 25 जुलाई) और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य (25 से 27 जुलाई) की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली रवांडा यात्रा होगी, जबकि 20 वर्षों बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली युगांडा यात्रा होगी। दक्षिण अफ्रीका की यात्रा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के संदर्भ में है।
प्रधानमंत्री की आधिकारिक रवांडा और युगांडा यात्रा में दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के साथ द्विपक्षीय बैठक, प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता और कारोबारियों एवं भारतीय समुदायों के साथ बैठक शामिल हैं। रवांडा में प्रधानमंत्री जेनोसाइड मेमोरियल का दौरा करेंगे और ‘गिरिंका’ (प्रति परिवार एक गाय) में भाग लेंगे, जो राष्ट्रपति पॉल कागमे द्वारा व्यक्तिगत तौर पर शुरू की गई रवांडा की एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा योजना है। प्रधानमंत्री युगांडा की संसद को भी संबोधित करेंगे, युगांडा की संसद को पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री संबोधित करेगा।
प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन एवं ब्रिक्स से संबंधित अन्य बैठकों में भाग लेंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रतिभागी देशों के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी योजना है।
अफ्रीका के साथ भारत का काफी मधुर संबंध रहा है और दक्षिण अफ्रीका में बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय समुदाय इस तीव्र विकास भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यात्रा के दौरान रक्षा, व्यापार, संस्कृति, कृषि एवं डेयरी क्षेत्र में सहयोग जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन एवं तमाम समझौते पर हस्ताक्षर होंगे।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान अफ्रीकी देशों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में हमारी सहभागिता बढ़ी है और पिछले चार साल के दौरान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर की 23 अफ्रीका यात्रा हो चुकी हैं। भारत की विदेश नीति में अफ्रीका की प्रमुख प्राथमिकता रही है। रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका के प्रधानमंत्री के इस दौरे से अफ्रीकी उपमहाद्वीप के साथ हमारे संबंधों को और मजबूती मिलेगी।