प्रदेश सरकार ने 1 लाख 60 हजार करोड़ का कर्ज कहाँ खर्च किया : हुड्डा

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मनोहर सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री का करारा प्रहार

कई तीखे सवालों से मनोहर सरकार को घेरा

सरसों की खरीद को लेकर भी उठाए सवाल

संवैधानिक संस्थाओं में हस्तक्षेप क्यों

चण्डीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्य मन्त्री भूपेन्द्र सिह हुड्डा ने आज प्रदेश की भाजपा सरकार के फैसलों और नीतियों को लेकर कड़ा प्रहार किया और सवाल पर सवाल दागे। उन्होंने कहा कि हम एक जिम्मेवार विपक्ष की भूमिका में हैं। हमें अपने प्रदेश व जनता के व्यापक हितों की चिन्ता है, इसलिए हम केवल ऐसे सवाल उठाते हैं, जो सरकार को जगाने का काम करें और हरियाणा के लोग भी सच्चाई से रूबरू हो सकें।

मेरा सरकार से सवाल है कि प्रदेश सरकार ने 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपये का जो कर्ज उठाया है, वो कहां खर्च किया ? क्या सरकार ने अपने बलबूते पर हरियाणा में किसी बड़े प्रोजैक्ट पर काम शुरू किया है ? क्या सरकार केन्द्र से कोई बड़ा प्रोजैक्ट लाई, जिसमें हरियाणा ने भी वित्तीय योगदान दिया है ?

हुड्डा ने कहा कि विभिन्न खरीद ऐजैंसियों ने मार्किट कमेटियों की मार्फत सरसों खरीद के टोकन जारी किये। उन्होंने सरकार से पूछा है कि क्या कारण है कि हजारों किसानों के पास टोकन होने के बावजूद भी एमएसपी पर सरसों की खरीद नहीं हुई ? सरसों की नहीं हर फसल की खरीद के वक्त किसानों को एमएसपी क्यों नहीं मिल रहा ? किसानों को परेशान करने के लिए हर सीजन में क्यों अनावश्यक शर्तें थोपी जाती है ? किसानों को गन्ने का बकाया देने में देरी के क्या कारण हैं ?

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे पूछा है कि सरकार के मुखिया को सवैंधानिक संस्थाओं में दखल करना कितना वाजिब है ? उनको क्यों नहीं अपना काम स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से करने दिया जा रहा है ? क्या मुख्यमंत्री का हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन से फोन करने के पीछे कोई और मकसद तो नहीं है ? क्या यह खेल हरियाणा सर्विस सलैक्शन कमीशन पर पड़े काले दाग ढ़ांपने का प्रयास तो नहीं है ?

हुड्डा ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि बीबीएमबी ने मेम्बर इरिगेशन के लिए क्या शर्तें रखी हैं ? क्या जो ताजा शर्तें हैं, उनके मुताबिक हरियाणा का कोई कार्यरत मुख्य अभियन्ता पात्र है ? बीबीएमबी में जब से नया चेयरमैन आया है, कितनी नियुक्तियां (कच्ची व पक्की) हुई हैं और उनमें से कितनी हरियाणा से हैं ? क्या बीबीएमबी के वर्तमान चेयरमैन की नियुक्ति में हरियाणा सरकार की सहमति ली गई, क्योंकि देश में बड़े सिंचाई प्रोजैक्टस में हिस्सेदार राज्यों से चेयरमैन नियुक्त करने की परम्परा नहीं रही ? बीबीएमबी में इसकी पालना क्यों नहीं हुई ? जब सरकार को पता था कि पहाड़ों पर बर्फबारी कम हुई है तो किन कारणों से मार्च 2018 से मई 2018 के बीच भाखड़ा बाँध से ज्यादा पानी छोड़ा गया, जिससे बाँध में पानी का स्तर 1673 फुट से घटकर 1642 फुट पर आ गया। सरकार ये बताये कि जितना पानी छोड़ा गया उसमें हरियाणा का हिस्सा कितना बनता था और वास्तव में पानी मिला कितना ?

हुड्डा ने याद दिलाया कि भाजपा दावा कर रही थी कि सत्ता में आने के बाद प्रदेश में चौबीस घंटे बिजली दी जायेगी, फिर सरकार के दावे की हवा क्यों निकली ? सरकार बताये की बिजली सप्लाई का शहरों और गांवों में शैड्यूल क्या है ? आज क्यों पूरे हरियाणा में बिजली और पानी के लिए त्राही-त्राही मची हुई है ?

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के खिलाडि़यों ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। सरकार नित नये फैसले लेकर प्रदेश के खिलाडि़यों का क्यूं अपमान करा रही है ? सरकार की खेल और खिलाडि़यों के बारे में स्पष्ट नीति क्या है ? क्या यह बात सरकार के नोटिस में है कि अनेक बड़ी उम्र के लोगों की पैंशन काट दी गई है या रोक दी गई है ?

हुड्डा ने कहा कि यदि हरियाणा के लोगों ने प्रदेश भाजपा सरकार के बारे में यह धारणा बना ली है कि सरकार न तो किसी विषय की गहरी जानकारी रखती है और न उसे जिम्मेवारी का एहसास है, तो इसमें गलत क्या है ? मुझे उम्मीद है कि सरकार हमारे सवालों को हल्की शब्दावली से हवा में उड़ाने की बजाये सही जवाब देगी।

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