उद्योग विस्तार से ही साइबर सिटी का दर्जा : नरबीर

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गुरुग्राम :  हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम शहर को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने में उद्योगों की अहम भूमिका है, उद्योगों के विकास और औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की बदौलत ही आज गुडग़ांव को औद्योगिक नगरी, साइबर सिटी तथा मिलेनियम सिटी बनने का दर्जा प्राप्त हुआ है।
मारूति सुजुकी और डीएलएफ कंपनी गुडग़ांव में स्थापित होने वाले सबसे पहले उद्योग थे। इन दोनो बड़ी कंपनियों के आने के बाद ही यहां की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति में रिकॉर्ड बदलाव हुआ है। उद्योगों के द्वारा ही किसी भी देश, राज्य और जिला की दशा और दिशा बदली जा सकती है। उद्योग ही अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार होता है।
ये बात उन्होंने आज गुडग़ांव में इंस्टीटयूट ऑफ कंपनी सैक्रेट्ररीज ऑफ इंडिया के गुडग़ांव चैप्टर के उद्घाटन उपरांत कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा गुडग़ंाव में विभिन्न प्रकार के उद्योगों से प्राप्त होने वाले राजस्व की वजह से ही निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। विश्व की 500 फॉर्चून कंपनियों में 250 कंपनियों जैसें गुगल, माइक्रोसॉफ्ट आदि के कार्यालय भी गुडग़ांव में  है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार नई औद्योगिक नीति लाएगी, जिसके अनुसार उद्योग के लिए सभी क्लीरेंस एक ही छत के नीचे मिलेंगे। उद्योगों में इंस्पैक्टर राज खत्म करना ही सरकार का  प्रयास है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, स्ट्रार्ट-अप इंडिया और स्टेंड अप इंडिया को लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि गत दिनों गुडग़ांव में ‘हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इंवैस्टर समिट-2016’ आयोजित करवाने का मुख्य उद्देश्य ही हरियाणा राज्य में उद्योगो को बढ़ावा देना है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि उद्योगों और सडक़ों का चोली दामन का साथ होता है, इसलिए वर्तमान सरकार ने पूरे राज्य में सडक़ों का जाल बिछानें का काम शुरू कर दिया है। आगामी दिनों में हरियाणा विशेषकर गुडग़ांव में सडक़ों का विस्तार तथा सुधार देखने को मिलेगा। दिल्ली को गुडग़ांव से जोडऩे वाली सडक़ों की संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारा जाएगा ताकि गुडग़ांव की जनता सुख का अनुभव कर सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए वचनबद्ध है, इसलिए राज्य में विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय और उद्योग स्थापित करना ही सरकार की मंशा है।
गुडग़ांव के इतिहास के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुडग़ांव अर्थात गुरूग्राम आदिकाल से ही गुरू(द्रोणाचार्य)की धरती रही है। महाभारत काल में कौरवों और पांडवों ने गुडग़ांव में शिक्षा प्राप्त की थी। इसलिए वर्तमान राज्य सरकार ने इसके अस्तित्व को याद करते हुए और इसकी पहचान को बनाए रखने के लिए इसके नाम को बदलकर दोबारा गुरूग्राम करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने वहां उपस्थित युवाओं में जोश भरते हुए कहा कि युवा देश के कर्णधार होते है, देश की रक्षा और विकास का भार नौजवानों के कंधों पर ही होता है, इसलिए युवाओं को चाहिए कि वे मुसीबतों से डरें नहीं बल्कि डटकर समस्याओं का सामना करें। ऐसा करके ही वे भारत को दोबारा विश्वगुरू बना सकते है।
इस मौके पर उनके साथ इंस्टीटयूट ऑफ कंपनी सैक्रेट्ररीज ऑफ इंडिया गुडग़ांव चैप्टर के सी एस विनय शुक्ला, सी एस धनंजय शुक्ला, चेयरमैन राजू सुनारिया, सी एस देवेंद्र सुहाग, सतेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।

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