भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भोपाल में शहीदों के सम्मान में ‘शौर्य स्मारक’ के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है। उन्होंने भारतीय सेना को अनुशासन एवं व्यवहार में दुनिया की नंबर वन सेना बताया. उनके अनुसार सवा सौ करोड़ जनता का हौसला सेना की ताकत है। प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को मानवता की सबसे बड़ी मिसाल बताया .
शौर्य सम्मान सभा में उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर पर आप लोगों के बीच आकर देश के वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करना सौभाग्य की बात है. उनके शब्दों में सेना का सबसे बड़ा अस्त्र उनका मनोबल है। उल्लेखनीय है कि इस शौर्य स्मारक के निर्माण में 41 करोड़ खर्च हुए हैं. इस स्मारक में सैनिकों के शौर्य और बलिदान की कहानी दिखायी गयी है।
इस अवसर पर पीएम ने कहा कि जैसे हमारी सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है, वैसे ही हमारे रक्षा मंत्री भी बोलते नहीं। इस अवसर पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पिछ्ले वर्षों में देश ने केदारनाथ और बद्रीनाथ में सेना का मानवता वाला रूप देखा है. जम्मू-कश्मीर ने पहली बार इतनी बड़ी बाढ़ देखी जहां सेना ने लोगों की सेवा की। देश में आपदा के समय सेना ने साहसिक काम किया है.
पीएम ने सेना की बारम्बार प्रशंसा करते हुए कहा कि सेना के जवान अपनी जवानी इसलिए खपा देते हैं ताकि देश के लोग चैन की नींद सो सकें। उनके अनुसार यमन में फंसे 5 हजार भारतीयों को सेना ने बचाया। सेना ने यमन से पाकिस्तानी नागरिकों को भी बचाया। भारत ने कभी दूसरे की एक इंच जमीन के लिए झगड़ा नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि युएनओ के शांति मिशन में सबसे ज्यादा भारतीय सैनिक हैं। दो विश्व युद्ध के दौरान हमारी डेढ़ लाख सेना शहीद हुई. पीएम ने वन रैंक वन पेंशन का वादा निभाने का भी दावा किया.