एसडीएम ने ईंट भट्ठा से मजूदरों को मुक्त कराकर उनके गांव भेजने के लेटर जारी किए

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: सिगार गांव में एक भटठा पर उत्तर प्रदेश के करीब 63 मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया था

: पुन्हाना एसडीएम कार्यालय ने 46 मजदूरों को लेकर जारी किऐ

: मजूदरों ने कहा उनके पास किऐ के पैसे भी नहीं तो वे कैसे आने गांव पहुचेगें

: भट्ठे पर मजदूरों को बंधक बनाने की शिकायत को लेकर की गई कार्रवाई

 

यूनुस अलवी

 
मेवात :  उपमंडल के गांव सिंगार में चल रहे राधा ईंट भट्ठा पर मजदूरों को बंधक बनाकर जबरजस्ती काम कराने की शिकायत पर पुन्हाना एसडीएम कार्यालय की ओर से उत्तर प्रदेश के अलग-अगल जिलों के रहने वाले 46 मजूदरों के 63 परिवार के सदस्यों को शुक्रवार को मुक्ति लेटर जारी किऐ। वहीं मजदूरों ने मुक्ति लेटर तो ले किए लेकिन मजबूरों का आरोप है कि उनके पास रास्ते में खाने पीने और किराये तक के पैसे नहीं हैं ऐसे में वे अपने गांव नहीं पहुंच सकते। उन्होने कहा कि वे इस मामले की शनिवार को नूूंह के डीसी से शिकायत करेगें। उन्होने प्रशासन या भटठा मालिक की ओर से गांव तक जाने के लिए किसी वाहन का इंतजाम कराने की मांग की है।
    र्इंट भटठा मजूदर जमाहिर और अर्जुन ने आरोप लगाया कि उनको राम मोहन ठेकेदार और राजकुमार ठेकेदार उनके उत्तर प्रदेश के जिला चित्रकूट, पुनहार और बंदी से यहां मजूदरी करने के लिए तीन महिने पहले लाऐ थे। पैसगी के तौर पर उनको पांच से 10 हजार रूपये तक दिए गऐ। एक मजदूर ने 50 से 70 हजार तक र्इंटों की थिपाई की थी। उनके 25 से 50 हजार प्रत्येक आदमी के हो गऐ थे। उन्होने बताया कि भट्ठा मालिक द्वारा उन्हें किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जा रही थी। भटटा पर ना तो पीने के पानी का इंतजाम था और नाह कोई शौचालय वह बाथरूम बनाऐ गऐ हैं। उनका कहना है कि जब भी वे ठेकेदार और भटठा मालिक से अपनी मजूदरी मांगते तो ठेकेदार उनके साथ मारपीट करता और उनकी लडकियों के साथ अशलील हरकतें भी करता। उन्होने बताया कि जब भटठा मालिक से वे अपना हिसाब करने की कहते तो वह जून से पहले कोई हिसाब ना करने की बात कहते। 
एसडीएम जितेंद्र गर्ग ने बताया कि बंधुआ मुक्ति मोर्चा संगठन द्वारा उपायुक्त कार्यालय में शिकायत की गई थी। जिसमे बताया गया था कि सिंगार गांव में चल रहे राधा ईंट भट्ठा पर मजदूरों को बंधक बनाया हुआ है। उपायुक्त अशोक शर्मा के आदेशानुसार भट्ठा पर मामले को छापा मारा गया। जहां पर मजदूरा संतोष, राजरानी व साधना ने बताया कि वह बिहार राज्य के बांदा व चित्रकुट जिले के रहने वाले हैं और करीब 3 माह से भट्ठे पर ईंटों की थपाई का काम कर रहे हैं। इसको लेकर उन्होने भटठा पर जाकर जांच की उनहोने बताया कि करीब 46 परिवार के 63 सदस्य है वे अपने गांव जाना चहाते हैं। उनको मुक्ति पत्र बना दिया गया है। अब उनको कोई नहीं रोक सकता जब चाहे वे जा सकते हैं। भटठा मालिक और ठेकेदार पर क्या कार्रवाई की गई इसके बारे में एसडीएस ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
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