विजयवाड़ा : मीडिया की खबरों के अनुसार हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय की व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने एक कार्यक्रम में रविवार को कहा कि दुनिया के सभी देशों में असमानता है लेकिन भारत में कुछ ज्यादा ही असमानताएं रही हैं. उनका कहना था कि यह स्थिति तब है जब भारतीय संविधान का मूल आधार ही समानता है.
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर आज “संविधानवाद और सभ्य समाज” के विषय पर अपना व्याख्यान दे रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा स्थित सिद्धार्थ कॉलेज में किया गया था .
उन्होंने स्पष्ट किया कि “सभी देशों में अलग-अगल रूपों में और विभिन्न कारणों से असमानता है लेकिन भारत में यह ज्यादा है.
खबर में कहा गया है कि देश की सर्वोच्च अदालत के दूसरे सीनियर न्यायाधीश चेलमेश्वर ने तर्क कि यह असमानता धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र के मामले में रहती है. उनके अनुसार इसके ऐतिहासिक कारण भी हैं.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि असमानता केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका जसे देश में भी है जिसे लोग स्वर्ग समझते हैं. उनका कहना था कि यह उस देश में भी है जिस अमेरिका को लोकतंत्र का प्रतिमान समझा जाता है.
न्यायाधीश चेलामेश्वर ने ध्यान दिलाया कि भारतीय संविधान में असमानता दूर करने का तरीका बताया गया है. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें जीवन के हर क्षेत्र में समानता सुनिश्चित करने के निर्देश है. उन्होंने संविधान को राष्ट्र व समाज की जीवन पद्धति की अभिव्यक्ति बताया. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि संविधान पर देश का भविष्य निर्भर करता है.