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मेवात कांग्रेस कमेटी के ज़िला मुख्यालय पर आज चौधरी आफ़ताब अहमद की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी के 71वें जन्मदिन पर उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए जन्मदिन को धूमधाम से मनाया गया। कांग्रेस जनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जन्मदिन की बधाई दी गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं ने सोनिया गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें त्याग की प्रतिमूर्ति कहा।
यूनुस अलवी
मेवात :
हरियाणा कांग्रेस के उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री चौधरी आफ़ताब अहमद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ आज नूंह के सिविल अस्पताल में पहुँचकर सोनिया गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मरीज़ों को फल वितरित किए और मरीज़ों की स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
चौधरी आफ़ताब अहमद ने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी ने देश की बहू, बेटी, हर वर्ग की नेता की ज़िम्मेदारियों को बख़ूबी निभाया है। उन्होंने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी आयरन लेडी के रूप में विश्व में जानी जाती है और देश की सेवा को अंजाम दे रही है। उन्होने कहा कि गांधी परिवार ने देश की एकता व अखण्डता बनाये रखने के लिये काफ़ी क़ुरबानी दी हैं। सोनिया गांधी के जन्मदिन पर उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए कहा कि कांग्रेस उनके नेतृत्व में पार्टी निरंतर आगे बढ़ती रही है और अब राहुल गांधी जी के नेतृत्व में और आगे बढ़ेगी। सोनिया गांधी एक ऐसे परिवार की बहू हैं जिनकी पिछली कई पीढि़यां ना केवल देश सेवा में समर्पित रही हैं बल्कि देश के लिये जान दी हैं।
चौधरी आफ़ताब अहमद ने कहा कि सन 2004 के आम चुनाव में, भाजपा के “भारत उदय (इंडिया शाइनिंग)” के नारे का मुकाबला करने के लिए सोनिया गाँधी ने “आम आदमी” के नारे के साथ एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया और कांग्रेस की सत्ता में वापसी कराई। लेकिन उन्होंने त्याग व बलिदान करते हुये ख़ुद प्रधानमंत्री ना बनकर डा मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बना दिया, और फिर 2009 में एक बार फिर प्रधानमंत्री पद को ठुकरा दिया।
चौधरी आफ़ताब अहमद ने कहा कि अपने संप्रग सरकार के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सलाहकार समिति के कार्यकाल के रूप में, सोनिया ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना अधिकार अधिनियम के क़ानून को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2 अक्टूबर सन 2007 को महात्मा गाँधी के जन्म दिवस के दिन सोनिया ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया,संयुक्त राष्ट्र ने 15 जुलाई सन 2007 को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके बाद, इस दिन को अहिंसा के अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
उन्होंने कहा आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो दावे कर रहे हैं, वह सब झूठे साबित हो रहे हैं।
इस दौरान पूर्व मंत्री चौधरी अहमद के साथ चौधरी महताब अहमद, शरीफ़ प्रधान अडबर, अरशद टांई चेयरमैन, नईम इक़बाल, वहीद सलंबा, शहाबुद्दीन कैराका, समसुद्दीन ठेकेदार रेहणा, शाहबुद्दीन रेहणा, हमीदा सरपंच सलंबा, मदन तंवर अध्यक्ष एस सी सैल, राजू पार्षद, तुफैल जेलदार सलंबा, रूक्कू, सहीद प्रधान फ़िरोज़पुर नमक, साहिद हुसैनपुर, अब्बास फ़िरोज़पुर नमक, गुड्डू पहलवान फ़िरोज़पुर नमक, तारीक रानीका, शाहिद चंदैनी, भूरि, अब्बास ,इनाम क़ुरैशी, अख़्तर चंदेनी, ख़ालिद टांई, इससर उलेटा, इमरान हुसैनपुर, मुबीन फीरोजपूर नमक, डा हाकम मुरादबाद सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।