मेवात एलाउंस लेने में नियमों की अवहेलना

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: पलवल के सीएमओ व 3 डिप्टी सीएमओ को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड 

: स्वस्थ्य विभाग ने किया सस्पेंड

: डिप्टी सीएमओ अजय माम को सीएमओ का चार्ज दिया गया है

 

यूनुस अलवी

 
मेवात : पलवल के सीएमओ डा. आदित्य स्वरूप गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डा. संध्या गुप्ता, डा. लोकवीर व डा. रेखा को मेवात एलाउंस लेने में नियमों की अवेहलना करने का दोषी पाया गया है। उक्त डॉक्टरों ने नियमों की अनदेखी कर मेवात एलाउंस (स्पेशल इंसेंटिव) लिया। नेशनल हेल्थ मिशन के फंड से डिप्टी कमिश्नर की बिना अप्रूवल के 3 लाख 40 हजार रुपये निकाल लिए। नियमों की अनदेखी कर मेवात एलाउंस निकालने की शिकायत सीएम मनोहर लाल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और एनएचएम डिपार्टमेंट को दी गई थी। जिसपर संज्ञान लेते हुए प्रिसिंपल सैक्ट्री अमित झा ने 8 दिसम्बर को तुरंत प्रभाव से सीएमओ सहित 3 डिप्टी सीएमओ को सस्पेंड कर पंचकुला हेडक्वार्टर पर रिपोर्ट करने के आदेश दिए है। 
 
  एलाउंस लेने के क्या है नियम
नूंह और पलवल जिला के हथीन क्षेत्र में हेडक्वार्टर मैनटेन करने वाले डाक्टरों की स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन एसएमओ करता है। आकलन के बाद एसएमओ स्वास्थ्य कल्याण समिति को रेफर करता है। स्वास्थ्य कल्याण समिति उस पर विचार करने के बाद डिप्टी कमिश्नर को अप्रूवल के लिए भेजती है। डिप्टी कमिश्नर से अप्रूवल मिलते ही एनएचएम योजना के फंड से मेवात में कार्यरत डाक्टरों को भत्ता की राशि सीधे उनके बैंक एकाउंट में भेज दी जाती है। 
   सभी नियमों की अनदेखी करते हुए सीएमओ डाक्टर आदित्य स्वरूप गुप्ता और उनकी पत्नी व डिप्टी सीएमओ डाक्टर सन्ध्या गुप्ता का कार्य क्षेत्र पलवल है तथा वे पलवल सिविल अस्पताल स्थित सरकारी आवास में रहते हैं।  सीएमओ डाक्टर गुप्ता और उनकी पत्नी डिप्टी सीएमओ सन्ध्या गुप्ता ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए नवंबर 2015 से 10-10 हजार रुपये का भत्ता प्रत्येक महीना लेना शुरू कर दिया। नवंबर 2015 से लेकर मार्च 2017 तक ये भत्ता को रेगुलर लेते रहे। जबकि हथीन क्षेत्र में कार्यरत डाक्टर संजय कुमार, डाक्टर गोविंद शरण और डाक्टर मनीष गर्ग को यह भत्ता नहीं दिया गया। तीनों डाक्टरों को एसकेएस ने भी रिकमंड और डीसी की अप्रूवल के बाद भी भत्ता नहीं दिया गया। सीएमओ और उनकी पत्नी ने जो भत्ता लिया है उसे नहीं तो एसकेएस ने रिकमंड किया है और नहीं डीसी ने अप्रूवल दी है। उसके बाद भी ये लगातार 17 महीने तक भत्ता लेते रहे। दोनों पति-पत्नी ने 17 महीने में 20 हजार रुपये का महीना के हिसाब से एनएचएम को 3 लाख 40 हजार रुपये का चूना लगा दिया। डाक्टर रेखा सिंह और डाक्टर लोकबीर सिंह ने भी स्पेशल इंसेंटिव लिया। कार्यकारी सीएमओ डॉक्टर अजय माम का कहना है कि सीएमओ सहित 3 डिप्टी सीएमओ को मेवात स्पेशल इंसेंटिव लेने के मामले में सस्पेंड किया गया है और उन्हें सीएमओ का चार्ज दिया गया है।

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