तालीम का तीन दिन बाद हुआ पोस्टमार्टम, गांव में किया सुपुर्द -ए-खाक

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: मां-सम्मो और पिता शरीफ का आरोप पुलिस ने तालीम की जानबूझकर हत्या की है

: कई संस्थाओं का आरोप पुलिस ने मानवअधिकारों का उलंघन किया है

: अदालत का दरवाजा खटखटाने की जा रही है तैयारी

: मृतक के परिजनों ने सरकार से सहायता राशी की मांग की

  

 

यूनुस अलवी

 
अलवर/सालाहेडी: तीन दिन पहले अलवर पुलिस द्वारा मुटभेड में मारे गऐ मेवात के गांव सालाहेडी निवासी तालीम का शव शनिवार को उनके पैत्रिक गांव पहुंचा। गांव की कब्रिस्तान में तालीम को देर शाम सुपर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
  ताीलम की मौत के बाद शनिवार को बोर्ड द्वारा अलवर की सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। प्रशासन ने पोस्टर्माटम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। शनिवार देर शाम करीब सात बजे तालीम को गांव के ही कब्रिस्तान में सुर्पद-ए-खाक कर दिया गया।
   मृतक की मां और पिता शरीफ ने कहा कि उनके बेटे की हत्या की गई है। पुलिस ने द्वेष भावना से उसके बेटे को मारा है। अगर उसका बेटा कोई गलत काम कर रहा था तो उसे पकडा जा सकता था। जबकि उसका बेटा कोई गोतस्कर नहीं हैं बल्कि वे एक ट्रक ड्राईवर है जो पांच दिन पहले ही ट्रक से ड्राईवरी करके गांव लोटा था। उनका कहना है कि पुलिस ने बिना सोचे समझे अपना नाम कमाने की खातिर उसके बेटे तालीम को शहीद कर दिया। तालीम के छोटे-छोटे दो बच्चे हैं अब उनको कौन वारिश होगा। उनके पालने की जिम्मेदार कौन संभालेगा। शरीफ का कहना है कि वह गरीब आदमी है मजदूरी कर नहीं सकता। उसके सभी बेटे अगल-अलग रहते हैं। उन्होने सरकार से मांग की है कि मरहूम तालीम के परिवार के लिए सहायता दी जाऐ जिससे वे अपनी जिंदगी गुजार सकें।
  वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पसमांदा मुहाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमजान चौधरी, मेव पंचायत के शेर मोहम्मद और कासिम मेवाती का कहना है कि तालीम की मौत ने हिलाकर रख दिया है। से मानवअधिकार का सीधा उलंघन है। तालीम को फेक इंनकांउटर में मारा गया है। तालीम को इंसाफ दिलाने और आरोपी पुलिस कर्मियों को कडी से कडी सजा दिलाने के लिए वे अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। इसकी तैयारी की जा रही है और सबूत इकटठे किए जा रहे हैं।
  गांव सालाहेडी निवासी आस मोहम्मद, इनसो नेता साकिर खान का कहना है कि अलवर पुलिस ने एक मुस्लिम होने के नाते तालीम को मारा है। जबकि तालीम के खिलाफ राजस्थान और अलवर में एक भी गोतस्करी या गोहत्या का मामला दर्ज नहीं हैं। तालीम को गांव के लोग अक्ष्छी तरह जानते हैं वह एक नेक लडका था। उसका गलत कार्यो से कोई संबंध नहीं था।

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