राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने दिलाई शपथ
भाजपा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं
कई मंत्रालयों के मंत्री रहे और राज्यसभा व विधान सभा सदस्य भी रहे
नई दिल्ली : एम् वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को देश के उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. वह देश के 13वें उपराष्ट्रपति बने. राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सरकार के कई बड़े मंत्री भी मौजूद थे. आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिला स्थित एक कृषि परिवार में जन्मे नायडू (68) भाजपा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने कई मंत्रालयों का पदभार भी संभाला है और लंबे समय तक राज्य सभा सदस्य रहे हैं. उनका राजनितिक करियर चार दशक से भी अधिक लंबा रहा है.
नायडू शुक्रवार सुबह सबसे पहले अपने आवास 30 APJ अब्दुल कलाम रोड से राजघाट पहुंचे और वहां श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद वह DDU पार्क गए और दीनदयाल उपाध्याय को भी श्रद्धांजलि दी. इसके बाद नई दिल्ली स्थित पटेल चौक पहुंचकर सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की. सुबह लगभग 09:43 बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचे और पद व गोपनीयता की शपथ ली. इसके बाद करीब सुबह साढे दस बजे राज्यसभा पहुंचे
नायडू ने अपना राजनीतिक करियर उस वक्त शुरू किया जब भाजपा से पहले जन संघ की दक्षिण भारत में बहुत कम मौजूदगी थी. उस वक्त पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में वह अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के पोस्टर चिपकाया करते थे. आपातकाल के दौरान नायडू एबीवीपी के कार्यकर्ता भी रहे थे. वह गिरफ्तार हुए थे और जेल गए थे.
जुलाई 2002 से अक्तूबर 2004 तक दो बार लगातार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे. साल 2004 के आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद नायडू ने यह पद छोड़ दिया था. वाजपेयी के नेतृत्व वाली पिछली राजग सरकार में वह ग्रामीण विकास मंत्री थे.
आडवाणी के बेहद करीबी रहे नायडू ने 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का पुजोर समर्थन किया. उपराष्ट्रपति चुने जाने से पूर्व नायडू मोदी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और आवास एवं शहरी विकास मंत्री थे. इससे पहले वह संसदीय कार्य मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं. आंध्र प्रदेश विधानसभा के दो बार सदस्य रहे और कर्नाटक से तीन बार राज्सभा पहुंचे .राजग की ओर से उपराष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व संसद के उच्च सदन का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.