मुख्य सचिव के साथ होने वाली बैठक के मद्देनजर उपायुक्त ने की योजनाओं की समीक्षा

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फसल बीमा योजना को पहली प्राथमिकता देने पर दिया बल बैठक 

देवघर : आगामी 12 अगस्त, 2017 को झारखण्ड प्रदेश की मुख्य सचिव राजबाला बर्मा द्वारा राज्य के सभी जिलों के साथ सरकारी योजनाओं पर चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए विडियो काॅन्फ्रेंस बैठक का आयोजन किया जाना है। इसी संदर्भ में शुक्रवार 4 अगस्त को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा सभागार में जिले के कृषि विभाग, को-आॅपरेटिव विभाग, श्रम विभाग, कल्याण विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग सहित सभी सरकारी विभागों के साथ समीक्षात्मक बैठक आयोजित की । इस बैठक में सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे। उपायुक्त ने अधिकारियों से जिले में चल रही योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली .

उपायुक्त द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में बताया गया कि यह हमारे जिले के लिए पहली प्राथमिकता है। इसमें और प्रगति की आवश्यकता है; ताकि वर्तमान में देवघर जिला का जो स्थान है-उससे यह ऊपर उठ सके। कहा गया कि परती भूमि पर कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा इनसंेटिव दिया जा रहा है। इसके अन्तर्गत प्रति हेक्टेयर 2400 रूपये दिया जायेगा। साथ हीं मेढ़बंदी, जियो टैगिंग इत्यादि बातों की जानकारी भी उपायुक्त द्वारा दी गई। जिला कृषि पदाधिकारी एस.एन. सरस्वती द्वारा जियो टैगिंग के बारे में बताया गया कि इसके तहत् कृषि कार्यों के भौगोलिक स्थिति फसल उत्पादन इत्यादि बातों की जानकारी मिलेगी।

उपायुक्त ने किसान क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड में परिवर्तित करने की जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारी से ली । इस पर संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जो भी नया के.सी.सी. किसानो को दिया जा रहा है, उसे रूपे कार्ड से जोड़कर दिया जा रहा है एवं पुराने वाले के.सी.सी. को भी खाता के माध्यम से रूपे कार्ड से संलग्न किया जा रहा है। वहीं बतलाया गया कि जितने भी के.सी.सी रूपे कार्ड किसानों को दिये जा रहे हैं, उसका अविलंब एक्टिवेशन भी किया जा रहा हैै; जिसकी संख्या लगभग 40 हजार है।

इस संदर्भ में श्रम विभाग द्वारा बतलाया गया कि विभाग द्वारा जिले से श्रमिकों के पलायन को रोका जा रहा है। खासकर महिलाओं के पलायन को और इसका यह परिणाम है कि 2016 से अभी तक हमारे जिला से एक भी महिला श्रमिक का पलायन नहीं हुआ है। साथ हीं इस संबंध में उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए प्लानिंग के तहत एन.जी.ओ., आंगनबाड़ी से मिलकर डाटा बेस तैयार किया जाना चाहिये; ताकि महिलाओं के पलायन की विवरणी तैयार कर उन्हें पुनः वापस अपने जिले में लाया जा सके।

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) का समीक्षा करते हुए उपायुक्त द्वारा बतलाया गया कि इस दिशा में अन्य जिलों की अपेक्षा हमारे जिला की प्रगति कम हुई है। इसमें सुधार करते हुए कृषक मित्र, फसल बीमा राशि इत्यादि के भुगतान को भी डी.बी.टी. के माध्यम से किये जाने की आवश्यकता है।

बैठक में उपायुक्त के अतिरिक्त अपर उपायुक्त, उपविकास आयुक्त के साथ-साथ संबंधित विभागों के विभिन्न पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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