मुखिया के साथ मारपीट करने का मामला
जहानाबाद : राजद के प्रधान महासचिव व विधायक मुंद्रिका सिंह यादव एवं पूर्व सांसद व विधायक डा सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने सदर प्रखंड के बीडीओ के साथ हीं मुखिया के साथ मारपीट करने वाले अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है। इधर जिप अध्यक्ष आभा रानी ने भी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मुखिया के साथ मारपीट किये जाने की घटना को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। दोनों विधायक नौरु पंचायत के मुखिया नागेन्द्र कुमार उर्फ छोटन यादव से मिलने मंडल कारा गये थे।
राजद के प्रधान महासचिव ने कहा कि मुखिया जनता से जुड़े कार्यो को लेकर बीडीओ के पास गये थे। उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज से यह स्पष्ट हो जा रहा है कि बीडीओ द्वारा मुखिया को किस तरह ढकेल कर मारपीट करते दफ्तर से बाहर किया गया। इधर विधायक डा यादव ने कहा कि जिस तरह बेरहमी के साथ मुखिया की पिटाई कर उल्टे झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है वह कहीं से भी उचित नहीं है। मुखिया के शरीर पर मारपीट के निशान मौजूद हैं बावजूद उन्हें अस्पताल नहीं भेजा गया।
उन्होंने कहा कि हाजत से रात में निकालकर वरीय अधिकारियों द्वारा न सिर्फ उनकी पिटाई की गई बल्कि पैर पकड़कर माफी मंगवाया गया। उन्होंने कहा कि वे इस संदर्भ में मुख्यमंत्री,राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उपमुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे तथा उनलोगों से जांच कराकर कार्रवाई किये जाने का आग्रह करेंगे। इधर डीएम को लिखे गये पत्र में जिप अध्यक्ष ने बीडीओ पर तानाशाही रवैया अपनाये जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीडीओ द्वारा कानून को अपने हाथ लेकर मुखिया की बेरहमी के साथ पिटाई की गई। निंदा करने वालों में राजद नेता श्याम नारायण यादव,परमहंस राय,छत्रधारी सिंह यादव,डा शशिरंजन उर्फ पप्पु,बैकुंठ यादव,सूर्यदेव यादव, मनोज कुमार, संजय कुमार, मुन्दर लाल,अनिल पासवान आदि लोग भी शामिल हैं।
बीडीओ-मुखिया विवाद को कमेटी गठित
सदर प्रखंड के बीडीओ तथा नौरु पंचायत के मुखिया नागेन्द्र कुमार उर्फ छोटन यादव के बीच विवाद को जिला तथा पुलिस प्रशासन ने भी काफी गंभीरता से लिया है। जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह तथा पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने इसके लिए टीम का गठन किया है। डीएम-एसपी द्वारा गठित टीम में उपविकास आयुक्त रामरुप प्रसाद तथा सहायक पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह को शामिल किया गया है। डीएम ने इन दोनों अधिकारियों को घटना के बारे में विस्तृत छानबीन कर शीघ्र ही प्रतिवेदन समर्पित किये जाने का निर्देश दिया है।