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राष्ट्रपति ने किया गुरुग्राम के गांव दौला में चालक प्रशिक्षण संस्थान का शिलान्यास
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भी किया शिलान्यास
स्मार्ट ग्राम योजना के तहत ओएनजीसी व डीटीआई की पहल
10 लाख युवा हर साल नौकरी की तलाश शुरू करते हैं
गुरुग्राम, 2 जून। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आज हमारे देश के सामने युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना बड़ी चुनौती है। लगभग 10 लाख युवा हर साल नौकरी की तलाश शुरू करते हैं। नौकरी के अभाव में युवा गांवों को छोडक़र शहरों की तरफ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें गांवों में बिजली, सडक़ और कौशल जैसी सुविधाएं देनी होंगी, ताकि गांवों में ही रोजगार के अवसर तैयार किया जा सकें। ऐसा करने से गांवों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और उनमें खुशहाली आएगी। साथ ही उन्होंने गांवों को समृद्ध बनाने के लिए माताओं, बहनों और बेटियों को आगे बढ़ाने पर बल दिया. उनका कहना था कि हमें उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ऐसा करने के लिए हम सभी को साथ मिलकर काम करना होगा।
श्री मुखर्जी आज गुरुग्राम जिला के गांव दौला में स्मार्ट ग्राम पहल के तहत चालक प्रशिक्षण संस्थान तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने 3 करोड़ रूपये की लागत से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम(ओएनजीसी) द्वारा बनाए जाने वाले उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा बनाए जाने वाले ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (डीटीआई) का शिलान्यास किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने महेंद्रगढ़, पलवल तथा अंबाला जिलों में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्रों का ई-उद्घाटन किया। इस अवसर पर विभिन्न विकास गतिविधियों के लिए ग्राम पंचायत के साथ एमओयू साइन किए गए। राष्ट्रपति द्वारा गांव के प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के प्रशिक्षुओं और विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
श्री मुखर्जी ने कहा कि जब हमारे गांव विकसित होंगे तो देश विकसित होगा। आज भी देश के लगभग 68 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं। कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों का हमारे देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान लगभग 15 प्रतिशत है। अगर हमें गांवों को खुशहाल बनाना है तो आर्थिक ढांचे को सुधारना पड़ेगा। उन्होंने स्मार्ट ग्राम पहल की चर्चा करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत 2 जुलाई, 2016 को हुई थी, तब उन्हें विश्वास था कि जो काम राष्ट्रपति भवन को स्मार्ट बनाने के लिए किए गए हैं, वे गांवों में भी किए जा सकते हैं। हरियाणा सरकार की मदद से हमने 5 गांवों का चयन किया और इन गांवों में विकास के बहुत से कामों की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए अब इसे 100 गांवों तक बढ़ा दिया गया है। स्मार्ट ग्राम का मतलब है, एक ऐसा गांव जिसमें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों और जहां खुशी और खुशहाली दोनों हों। यह तभी संभव है जब सरकार, प्राइवेट सैक्टर, पब्लिक इंस्टीटयूंशनस, एनजीओ और गांववासी एकजुट होकर गांव के विकास के लिए काम करें। उन्होंने इस कार्य में सहयोग के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री व सरकार का आभार व्यक्त किया। सरकार ने इन गांवों में बिजली, पानी, सडक़ों की व्यवस्था ठीक करने के लिए सराहनीय कदम उठाए।
हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि 21वी शताब्दी में देश जिस दिशा में आगे बढऩा चाहिए उस दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। महात्मा गांधी जी का सपना था कि देश स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ाया जाए व सभी को समान अवसर दिए जाएं तथा हर व्यक्ति को यह महसूस हो कि देश उसकी चिंता कर रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय योजना का सार यही था कि देश के अंतिम व्यक्ति को हर सुविधा मिले व उसको पूर्ण अधिकार मिले। इस वर्ष को हम गुरुगोबिंद सिंह के 350वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहे हैं जिनका मकसद देश में राष्ट्रभावना जागृत करना था। सन् 1699 में आनंदपुर साहिब में उन्होंने देश की रक्षा का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि सरकार गांव के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री ने पूरे देश को गोद लेकर उसके विकास को नई दिशा दी है , वे न्यू इंडिया की कल्पना को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रपति द्वारा जो 100 गांवों गोद लिए गए है, वे हरियाणा के है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के छह हज़ार गांवो में शहरो जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
केंद्रीय योजना, आवास व शहरी गरीबी उपशमन राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं। उन्होंने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी कैबिनेट के सदस्यों का परिचय करवाने राष्ट्रपति के पास ले गए थे उस समय श्री मुखर्जी ने सभी सदस्यों को संविधान की प्रति देते हुए कहा था कि वे संविधान के अनुसार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि रैनीवेल योजना के तहत मेवात व आस-पास के क्षेत्र के 23 गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए 32 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसके अलावा दौला में पानी के लिए एक करोड़ 28 लाख रुपए की योजना भी राज्य सरकार द्वारा मंजूर की गई है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं की चिंता करते हुए उनके कौशल विकास के लिए ढाई वर्ष पहले नया कौशल विकास मंत्रालय बनाया। उन्होंने कौशल की परिभाषा बताते हुए कहा कि जीवन को सुंदर, सरल व कामयाब बनाने के लिए कौशल विकास बहुत जरूरी है। देश में बड़े स्तर पर कुशल ड्राइवरों की मांग है। इसके अलावा, कई प्राइवेट कंपनियों को भी कुशल ड्राइवर चाहिए व देश में बड़ी संख्या में बिकने वाले कर्मिशयल वाहनों पर भी दक्ष ड्राइवर चाहिए, जिसमे कौशल विकास कें द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि आईटीआई करने वाले युवा उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते थे, इसके लिए सरकार ने आईटीआई में जाने वाले विद्यार्थियों को 10वीं व 12वीं के समकक्ष प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया है ताकि ऐसे विद्यार्थी उच्च शिक्षा में दाखिला लेकर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि हमारे आस पास ब्यूटीशियन, गाड़ी मैकेनिक, बिजली मैकेनिक जैसे अनेक लोग हैं, अगर इन लोगों को अच्छा प्रशिक्षण देकर इस फील्ड में उतारा जाए तो उनके कार्य में और गुणवत्ता आएगी। कौशल विकास से रोजगार के अनेक रास्ते स्वत: खुल जाएंगे।
केंद्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार गांवों के विकास के लिए गंभीर है, लेकिन इसमें जनभागीदारी की विशेष आवश्यकता है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि अगर किसानों को एग्री बिजनेस ट्रेनिंग दी जाए तो वे आधुनिक खेती की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में स्वच्छता का नया अध्याय शुरू किया तथा साथ ही वीआईपी कल्चर खत्म करके आम आदमी के विकास की बात की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति श्री मुखर्जी ने लोगों को अपने से जोडऩे के लिए अपने पदनाम के आगे से महामहिम शब्द हटवाकर पहले ही वीआईपी कल्चर खत्म कर दिया था।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा जो 5 गांव गोद लिए गए थे उनमें अनेक सुविधाएं शुरू हुई हैं और यह प्रयोग गांव के विकास के लिए सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही देश के सभी घरों में एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। श्री प्रधान ने हरियाणा को स्मार्ट प्रदेश बनाने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी और कहा कि हरियाणा पहले ही कैरोसिन फ्री हो चुका है।
हरियाणा के लोक निर्माण, वन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री राव नरबीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्वारा जो 100 गांव गोद लेकर उनमें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने की पहल की गई है, इसके लिए इस क्षेत्र के लोग श्री मुखर्जी को सदैव याद रखेंगे।
राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल ने स्मार्ट ग्राम पहल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि राष्ट्रपति का संकल्प है कि हमारे गांव अच्छे शहरों से पीछे न रहें। उन्होंने कहा कि स्मार्ट ग्राम में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, बिजली, पेयजल, रोजगार आदि क्षेत्र में काफी काम हुआ है और इन पांच गांवों में अभूतपूर्व सफलता को देखते हुए राष्ट्रपति ने एक मई को 100 गांव और गोद लेने को अनुमति दी। उन्होंने बताया कि इस कार्य में सरकार के अलावा कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम व स्वयं सेवी संस्थाएं भी सहयोग दे रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ई-डाक्टर क्लीनिक की सुविधा 15 और गांवों में शुरू की जाएगी तथा गांव डिजिटल क्रांति में पीछे न रहें, इसके लिए सभी गोद लिए गए 100 गांवों में कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाएंगे।
हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने स्वागत संबोधन में कहा कि भारत सरकार की योजनाएं विशेषकर कौशल विकास से संबंधित कार्यक्रमों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार हरियाणा में धरातल पर उतारा जा रहा है। पिछले साल प्रदेश में 70 हज़ार युवाओं को ट्रेनिंग दी गई तथा इस साल एक लाख 33 हज़ार युवाओंं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, हरियाणा में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्र तथा हरियाणा स्वर्ण जयंती कौशल केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, केंद्रीय योजना, आवास व शहरी गरीबी उपशमन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल, लोक निर्माण, वन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री राव नरबीर सिंह, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, राष्ट्रपति की सचिव ओमिता पॉल, हरियाणा के मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, ओएनजीसी के सीएमडी दिनेश सर्राफ, एनएसडीसी के सीईओ मनीष कुमार, गांव दौला के सरपंच बालकिशन तथा प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा प्रधान सचिव भी उपस्थित थे।