चण्डीगढ़, 21 मई : हरियाणा की ग्राम पंचायतों को ओर सशक्त बनाने के लिए अब सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों को उनके आवर्ती खर्च के लिए 3 लाख रूपए तक की राशि दी जाएगी, जिससे ग्राम पंचायतों को ग्राम सचिवालय व सरपंच कार्यालय के रखरखाव में कोई परेशानी नहीं आएगी और गांव की जनसंख्या के अनुसार खर्च सीमा तय की जाएगी।
यह जानकारी कृषि, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने दी। पंचायत विकास मंत्री धनखड़ ने बताया कि आज से पहले पूर्व में किसी भी सरकार की ओर से ग्रामीण विकास की दिशा में ग्राम पंचायतों को आवर्ती खर्च नहीं दिया गया था जिसके कारण सरपंचों को आवर्ती कार्य हेतु परेशानी उठानी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने न केवल आवर्ती खर्च के रूप में ग्राम पंचायतों को शिक्षित से सक्षम व समर्थ करने का काम किया है बल्कि ब्लाक समिति व जिला परिषद को भी आर्थिक रूप से समर्थ करने का कार्य किया है।
मंत्री ने कहा कि अब हरियाणा प्रदेश के गांवों की रैंकिंग निर्धारित होगी। जिसके तहत गांव के लिंगानुपात, स्वच्छता, पौधरोपण, शिक्षा व स्वास्थ्य सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं जो पंचायतें व ग्रामीण अपने स्तर पर सुधार सकती हैं, के आधार पर रैंकिंग दी जाएगी और उन्हें वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। कृषि मंत्री ने गांवों के विकास के लिए पांच योजनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि सरकार रूअर्बन मिशन, ग्रामोदय महाग्राम योजना, उज्जवला सरीखी योजनाओं के माध्यम से अंतिम व्यक्ति तक को विकास में भागीदार बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की हुई बैठक में हरियाणा प्रदेश को पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में 5 जून को पूर्ण रूप से स्वच्छ करने की मुहिम चलाए जाने का निर्णय लिया गया जिसके तहत गांव के खेडे से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर ग्रामीण स्वयं स्वच्छता अभियान चलाएंगे।
श्री धनखड़ ने कहा कि भाजपा सरकार ने जिला परिषदें व ब्लाक समितियों को अपने-अपने क्षेत्र में विकास कराने के लिए अलग से बजट आबंटित करने की पहल की है। जिसके तहत जिला परिषदें को औसत रूप से 10 करोड़ रूपए व ब्लाक समिति को ढाई करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी जिससे पार्षद अपने-अपने क्षेत्र में जनता से किए गए वायदे विकास कार्य करवाते हुए पूरे करेंगे।
पंचायतों को कार्यालय खर्च के लिए तीन लाख मिलेंगे : धनखड़
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