आप पार्टी द्वारा वायरल वीडियो झूठ का पुलिंदा
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी से निलंबित नेता व पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने अपने वायदे के अनुसार शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर अरविन्द केजरीवाल के दावे की पोल खोल दी. पत्रकारों के समक्ष मिश्रा ने दावा किया कि आप को 2 करोड़ रुपये चंदा देने वाला जो वीडियो आप पार्टी द्वारा वायरल हुआ है वह झूठ का पुलिंदा है. उन्होंने दोहराया कि सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है. पूर्व मंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर सच को छुपाने के लिए मुकेश शर्मा को मैदान में उतारा है.
हेमराज नाम के शख्स को छुपाने के लिए मुकेश शर्मा को सामने लाया
पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बताये गए हेमराज नाम के शख्स को छुपाने के लिए मुकेश शर्मा को सामने लाया गया है. कपिल मिश्रा ने चुनौती दी कि हिम्मत है तो केजरीवाल कुर्सी छोड़कर जांच करवाएं. केजरीवाल सीधे तिहाड़ जाएंगे. कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल अपने हवाला कनेक्शन पर परदा डालना चाहते हैं. जांच अरविंद केजरीवाल के घर तक पहुंच चुकी है इसलिए बलि का बकरा बनाकर मुकेश शर्मा को सामने लेकर आए हैं. उन्होंने दावा किया कि आयकर विभाग और ईडी हेमप्रकाश शर्मा की तलाश कर रही है.
कपिल मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में क्या कहा ?
- मैंने एक हफ्ते पहले कुछ सवाल पूछे थे और अभी तक किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. अरविंद केजरीवाल इन सवालों पर इस तरह चुप हैं जैसे कि उनके मुंह में दही जम गई हो.
- उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति 2 करोड़ का चंदा देने की बात कह रहा है, अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया पर उसका गलत वीडियो चला रहे हैं.
- मिश्र ने कहा कि केजरीवाल एक आईआरएस अफसर रहे हैं, इसलिए उन्हें पता है कि कौन सा काम कैसे करना है.
- कपिल मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में एक प्रेजेंटेशन में दिखा कर बताया कि एक साथ रात को 12.00 बजे चार कंपनियों ने 50 लाख रुपये भेजे.
- इस प्रक्रिया में जिस लेटर हेड का इस्तेमाल किया गया है, वह नकली है. यह घर में बैठकर बनाया गया है.
- कपिल ने मीडिया को दिखाया कि दो कंपनियों के लेटर हेड में मुकेश कुमार के दस्तखत हैं और दो लेटर हेड में दस्तखत नहीं हैं.
- कपिल मिश्रा ने कहा कि अब तो अरविंद केजरीवाल ने वीडियो ट्वीट कर दिया है कि मुकेश कुमार ने उन्हें 2 करोड़ रुपये दिये हैं, अब उन्हें आयकर विभाग में जाकर यह बताना चाहिए.
- उन्होंने दावा किया कि मुकेश कुमार इसी साल 2017 में कंपनियों के निदेशक बने हैं, जबकि यह डोनेशन 2014 में दी गई थी.
- उन्होंने दावा किया कि इन्हें एमसीडी चुनावों के एक दिन पहले ही निदेशक बनाया गया था. 2012 में उन्होंने दो कंपनियों को छोड़ दिया था, तो फिर वह 2014 में पैसा कैसे दे सकते हैं ?