कोयला घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता दोषी करार

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सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला 

तत्कालीन संयुक्त सचिव के एस क्रोफा व तत्कालीन निदेशक के सी समारिया भी दोषी 

22 मई सभी दोषियों को सजा सुनाएगी अदालत 

नई दिल्ली : मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को यूपीए शासन काल का चर्चित कोयला घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को दोषी करार दिया है. विशेष सीबीआई जज भारत पराशर ने कोयला मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव के एस क्रोफा, तत्कालीन निदेशक के सी समारिया और अन्य को भी दोषी ठहराया है. इन लोगों को मध्यप्रदेश में थेसगोड़ा-बी रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक का आवंटन केएसएसपीएल को करने में की गई कथित अनियमितताओं के मामले में दोषी ठहराया गया है. अदालत आगामी 22 मई सभी दोषियों को सजा सुनाएगी. अदालत ने सीए अमित गोयल को इस मामले में बरी कर दिया.

 

उल्लेखनीय है कि गुप्ता, क्रोफा और समारिया के अलावा अदालत ने कंपनी केएसएसपीएल और उसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार आहलूवालिया को भी दोषी ठहराया है . सीबीआई ने आरोप लगाया था कि केएसएसपीएल द्वारा कोयला ब्लॉक के लिए दायर किया गया आवेदन अधूरा था.  इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप यह आवेदन नहीं होने के कारण मंत्रालय की ओर से खारिज कर दिया जाना चाहिए था. जाँच के तथ्यों के अनुसार कंपनी ने अपनी नेट वर्थ और मौजूदा क्षमता को भी गलत बताया था. साथ ही राज्य सरकार ने भी कंपनी को कोई कोयला ब्लॉक आवंटित करने की सिफारिश नहीं की थी.

 

सुनवाई के दौरान आरोपियों ने इन सभी आरोपों को गलत बताया था. अदालत ने पिछले साल अक्तूबर में ही इस मामले में आरोप तय करते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गुप्ता ने ‘अंधेरे’ में रखा था और कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में गुप्ता ने प्रथम दृष्ट्या कानून एवं उनपर जताए गए विश्वास का उल्लंघन किया.

 

गौरतलब है कि गुप्ता के खिलाफ लगभग आठ अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए गए हैं और सभी पर अलग-अलग कार्यवाही चल रही है. आरोपी ने उच्चतम न्यायालय ने सभी मामलों की सुनवाई एक साथ करने की मांग सम्बन्धी याचिका दायर की थी जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था.

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