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हरियाणा डेरी विकास सहकारी प्रसंघ का प्रस्ताव
प्राथमिक स्कूलों के 17 लाख बच्चों को मिलेंगे प्रतिदिन 200 मिलीलीटर दूध
चण्डीगढ़, 16 मई : हरियाणा के डेरी विकास सहकारी प्रसंघ द्वारा प्रदेश में इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के पैट्रोल पम्पों पर वीटा मिल्क बूथ लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है जिससे प्रदेश में वीटा ब्राण्ड को व्यापक प्रचार मिलेगा और आने वाले वर्षों में वीटा दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री के लिए अच्छा विपणन नेटवर्क मिलेगा।
डेरी प्रसंघ के अध्यक्ष जी.एल.शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रसंघ और आईओसीएल के बीच हुए एक समझौते के तहत पैट्रोल पम्पों पर 18 मिल्क बूथ लगाने की जगह मिल गई है, जिसमें से 12 बूथों पर वीटा दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री की जा रही है।
उन्होंने बताया कि स्वर्ण जयंती बाल दुग्ध योजना के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा विभाग को 500 ग्राम व 1000 ग्राम की पैकिंग में गुलाब, इलायची, चाकलेट, वैनिला और बटर स्कॉच जैसे पांच अलग-अलग स्वादों में मीठे सुगंधित स्किम्ड दुग्ध पाउडर की आपूर्ति की जाएगी। प्राथमिक स्कूलों के लगभग 17 लाख बच्चों को प्रतिदिन 200 मिलीलीटर के हिसाब से वर्ष में कम से कम 236 दिन दूध उपलब्ध करवाया जाएगा।
श्री शर्मा ने बताया कि देशी गायों के दूध की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा डेरी व दुग्ध संघों द्वारा कुरुक्षेत्र के मिल्क प्लांट में दूध को इक_ïा करके उसका प्रसंस्करण किया जाता है। इस समय इस प्लांट से प्रतिदिन लगभग 2100 लीटर दूध की बाजार में आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा डेरी विकास सहकारी प्रसंघ ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक लगभग 2100 करोड़ रुपये का बिक्री कारोबार किया है। हरियाणा डेरी का शुद्घ लाभ वर्ष 2014-15 में लगभग 12.23 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2016-17 में बढक़र 42 करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में प्रदेश में पांच मिल्क प्लांट थे लेकिन 2014-15 में कुरुक्षेत्र में स्थित चिलिंग प्लांट का विस्तार करके वहां मिल्क प्लांट स्थापित किया गया जिससे अब प्लांटों की संख्या छ: हो गई है। इन प्लांटरों के माध्यम से प्रसंघ द्वारा इस समय प्रतिदिन 4 लाख 80 हजार लीटर दूध की खरीद की जा रही है। दूध की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मिल्क प्लांटों व चिलिंग सैंटरों से दूर स्थित समितियों को बल्क मिल्क कूलर उपलब्ध करवाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस समय दुग्ध उत्पादकों को प्रतिलीटर लगभग 35.50 रुपये का भाव दिया जा रहा है जो कि वर्ष 2012-13 के औसतन 26 रुपये प्रतिलीटर से 28 प्रतिशत अधिक है। प्रसंघ द्वारा इस समय प्रति किलो फैट का रेट 570 रुपये दिया जा रहा है जो कि बाजार भाव से अधिक है।