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गुरुग्राम। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा गत् दिवस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नवज्योति इंडिया फाऊंडेशन के सहयोग से भौंडसी के निकट नयागांव में आयोजित किया गया जिसमें लगभग ग्रामीण परिवेश की लगभग 200 महिलाओं ने भाग लिया।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एंव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक फुटेला ने कहा कि भारत का संविधान कार्यशील पुरूष और महिला दोनों को समान अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं रोजगार खोने के डर या उत्पीडक़ से मिलने वाली धमकी के कारण यौन उत्पीडऩ के मामलों को दर्ज नही कराती, जोकि गलत है। महिला को चाहिए कि वह अपने साथ हुए अत्याचार का विरोध करे और अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग करें ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनर्रावृति ना हो। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णय ने भी बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि जीवन के अधिकार से अभिप्राय गौरवपूर्ण जीवन जीने से है।
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं को अच्छा माहौल उपलब्ध करवाना प्रत्येक संस्थान का उत्तरदायित्व है ताकि वे सम्मान के साथ काम कर सकें। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्थान जहां पर 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हों, के लिए अनिवार्य है कि वे अपने संस्थान में अंातरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन अवश्य करें। इस कमेटी की अध्यक्ष महिला होनी चाहिए ओर इसके सदस्यों में आधे से ज्यादा संख्या महिलाओ की होनी चाहिए।
कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता अरूण श्योकीन तथा पैरा लीगल वालंटियर डा. नीरू ने सोसायटी रजिस्ट्रेशन एवं महिला संबंधी कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नवज्योति इंडिया फाऊंडेशन की प्रमुख चांदनी बेदी ने भी इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं से बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन किया।