प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया : भारत और नाइजीरिया में क्या है सम्बन्ध ?

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नई दिल्ली/ आबूजा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच दिवसीय विदेश दौरे के पहले चरण में नाइजीरिया पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत स्थानीय नाइजीरिया के लोगों ने और भारतीय मूल के लोगों ने किया. नाइजीरिया के राष्ट्रपति विला में राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू ने उनका स्वागत किया. इस दौरे की खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नाइजीरिया के राष्ट्रपति ने आज उस देश के सर्वोच्च सम्मान “ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर आफ नाइजर “से सम्मानित किया.  नाइजीरिया के नेशनल अवार्ड से सम्मानित होने के ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाइजीरिया में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया और पिछले एक दशक में उनके कार्यकाल में भारत में हुए बड़े बदलाव की विस्तार से चर्चा की. पिछले एक दशक में लगभग दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थ व्यवस्था भारत के अर्थतंत्र के साथ जोड़ने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अब तीन ट्रिलियन डॉलर वाली दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुकी है. उनकी इस घोषणा पर भारतीय मूल के लोगों ने तालियों की गडगडाहट से अपनी खुशी का इजहार किया.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी बताया जबकि नाइजीरिया को अफ्रीका की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी की संज्ञा दी और दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंध की याद दिलाई . उन्होंने कहा कि आज भारतीय भाषा हिंदी नाइजीरिया में काफी लोकप्रिय है और यहां के लोग हिंदी सीख रहे हैं. यहां तक की भारतीय फिल्में भी अब नाइजीरिया में बेहद लोकप्रिय हो रहीहै.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार देर रात्रि नाइजीरिया पहुंचने के साथ ही भारतीय मूल के परिवारों का उनके स्वागत में उमड़ने का सिलसिला शुरू हो चुका था. उन्हें एयरपोर्ट पर मिलने के लिए भी भारतीय समुदाय बड़ी संख्या में मौजूद थे. जाहिर है उनके इस उत्साह को देखते हुए भारतीय प्रधानमंत्री का भारतीय मूल के नाइजीरियन निवासियों से सीधा संवाद करना बेहद प्रासंगिक बन गया.

 

उन्होंने इंडियन कम्युनिटी को संबोधित करते हुए उन्हें नाइजीरिया के नेशनल अवार्ड से सम्मानित करने के लिए नाइजीरियन राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू का आभार जताया और नाइजीरिया में रह रहे 60000 से अधिक भारतीय मूल के निवासियों को भारत का राजदूत बताया.

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि नाइजीरिया में भारत के डॉक्टर और इंजीनियर अच्छी खासी संख्या में यहां के नागरिकों की सेवा कर रहे हैं जबकि दूसरी तरफ भारत की कई कंपनियां नाइजीरिया की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं.

 

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नाइजीरिया के 40 से 60 के वर्ष की उम्र वाले काफी लोग ऐसे हैं जिन्हें किसी न किसी भारतीय टीचर ने अवश्य पढ़ाया होगा. उनका इशारा भारत में आने वा;ले नाइजिरियन छात्रों की और था.

 

नाइजीरिया में भारतीयों के फलते-फूलते व्यवसाय की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीयों ने अब नाइजीरिया में बिजनेस के क्षेत्र में अपना मजबूत फाउंडेशन बना लिया है. आजादी से भी बहुत पहले भारत से नाइजीरिया आए किशन चंद्र चेलाराम का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी कंपनी आज नाइजीरिया के सबसे बड़े बिजनेस हाउसेस में से एक है. उन्होंने कहा कि संभव है उन्हें तब इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा.

 

प्रधानमंत्री ने तोलाराम के नूडल्स की भी चर्चा की जो आज नाइजीरिया के घर-घर में खाए जाने वाला बेहद लोकप्रिय खाद्य सामग्री है.

 

उन्होंने तुलसी चंद् राम फाउंडेशन की भी चर्चा की और कहा कि यह फाउंडेशन नाइजीरिया के लोगों की जिंदगी में रोशनी भर रही है

 

उन्होंने बल देते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इंडियन कम्युनिटी नाइजीरियाई लोगों के साथ मिलकर इस देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं.यह भारतीय सर्वहित के संस्कार का परिचायक है.

 

उन्होंने योग की चर्चा करते हुए कहाकि नाइजीरिया में भी बड़े पैमाने पर लोग योग अपना रहे हैं और नेशनल टीवी पर योग का वीकली प्रोग्राम भी नाइजीरिया में प्रसारित किया जाता है.

 

आजादी से पूर्व साउथ अफ्रीका में महात्मा गांधी के संघर्ष की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई में नाइजीरियाई लोगों का बड़ा योगदान रहा है और भारत को आजादी मिलने के बादनाइजीरिया की आजादी के लिए भीप्रेरणा मिली.

 

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