मंत्र साधना के लिए प्रेरित करते “हिन्दू यूनाइटेड प्रोग्रेसिव मूवमेंट”
42 जेलों में कार्यरत दिव्य ज्योति जागृति संस्थान गुरुग्राम
गुरुग्राम। हरियाणा में पहली बार गुरुग्राम के सैक्टर-29 स्थित लेजरवैली मैदान में आयोजित चार दिवसीय हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में भारतीय आध्यात्मिक संगम का सजीव स्वरूप देखने को मिला रहा है. गुरु द्रोणाचार्य की इस पावन धरती पर हिन्दू धर्म के विभिन्न सम्प्रदायों के गुरूओं के प्रवचन सुनने को तो मिल ही रहे हैं साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा से लेकर मंत्र चिकित्सा के अनेक पद्धतियों को भी जानने का अनोखा अवसर लोगों को मिल रहा है. इस प्रांगन में भारत की प्रसिद्ध आयुर्वेदिक पद्धति से दर्शकों का परिचय बखूबी कराया जा रहा है। बास्तव में यह मेला मीनी भारत का स्वरूप लग रहा है जहाँ आपको उत्तर, दक्षिण,पूर्व एवं पश्चिम के राज्यों में रहने वाले हिन्दू व सेवा में जुटे हिन्दू संस्थाओं का प्रतिनिधित्व एक छत के नीचे मौजूद है.
फरीदाबाद के मुद्रा होलिस्टिक हीलर्स का स्टॉल
इस मेले में आने वाले दर्शकों के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के अलावा उन्हें अपने शरीर को कैमिकल रहित यानि प्राकृतिक तौर तरीके से उपचार करने व स्वस्थ रखने के तरीके भी बताए जा रहे हैं। मेला परिसर में 9 हैंगर बनाए गए हैं. इनमें प्रत्येक में अलग-अलग विषयों पर प्रदर्शनी लगाई गई है। स्वामी विवेकानंद के नाम से बनाए गए एक हैंगर में फरीदाबाद के मुद्रा होलिस्टिक हीलर्स का स्टॉल है जिसमें साऊंड और वाइबे्रशन थैरेपी से बिमारियों का ईलाज किया जा रहा है। इस स्टॉल पर बैठे व्यक्ति अनिल नैयर कहते हैं कि वे इमोशनल इंजीनियरिंग की मदद से रोगियों का उपचार करते हैं। उनका मानना है कि शरीर में बिमारियां भावनात्मक कारणों से उत्पन्न होती हैं इसलिए वे विद्यार्थियों और युवाओं को भावनात्मक स्वतंत्रता प्राप्त करने के तरीके भी बताते हैं। उनके अनुसार फरीदाबाद के इस केंद्र के माध्यम से अब तक लगभग 7500 व्यक्तियों का उपचार किया गया है और 25 हजार युवाओं को भावनात्मक स्वतंत्रता में प्रशिक्षण दिया गया है। यह संस्था पिछले 10 वर्षो से कार्यरत है।
तमिलनाडू चेन्नई से आये “हिन्दू यूनाइटेड प्रोग्रेसिव मूवमेंट
इसी तरह तमिलनाडू चेन्नई से आये “हिन्दू यूनाइटेड प्रोग्रेसिव मूवमेंट” के प्रतिनिधि मेले में आये लोगों को मन्त्र की महिमा से परिचय कराते हैं. इस संस्था की स्वयंसेविका दिव्य निवास उनके स्टाल से गुजरने वाले प्रत्येक दर्शक को गंगा जल का आचमन कराती है और भगवद भक्ति क्यों करें , इसका कारण भी टूटी फूटी हिंदी व अंग्रेजी में बड़े स्नेह के साथ समझाती है. दक्षिण भारत के राज्यों में बेहद सक्रिय “हिन्दू यू पी एम” संस्था का सर्वाधिक फोकस स्कूल के बच्चों को हिन्दू रीतिरिवाज व मंत्र साधना के प्रति जागृत करने पर है. संस्था के अखिल भारतीय महा सचिव एम् निवास बताते हैं कि उनकी संस्था ने अब तक चेन्नई के 5 सौ स्कूलों के बच्चों को इस दिशा में जागृत किया और उनका यह प्रयास लगातार जारी है. वर्त्तमान में उनका यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों में चल रहा है. उनका कहना है कि उनकी संस्था के प्रतिनिधि स्कूलों में जाकर बच्चों को हिन्दू धर्मं के द्वारा प्रतिपादित प्रार्थना पद्धति एवं ईश्वर से छः प्रकार के लाभ प्राप्त करने का ढंग बताते हैं. बच्चों को मानसिक प्रार्थना व मंत्र जाप के तरीके भी सिखाये जाते हैं. एम् निवास के अनुसार उनकी संस्था का प्रयास अब दक्षिण भारत के राज्यों में रंग लाने लगा है. अब तक 50 हजार बच्चों को मंत्र व मानसिक पूजा का लाभ बता चुके है और उन्हें इस दिशा में प्रेरित कर चुके हैं. उन्हें मेडिटेशन और योग का अभ्यास कराया जाता है. उनके अनुसार जिन मंदिरों में कुछ समय पहले तक पर्व त्यौहार में भी एक दो लोग दिखते थे अब हजारों की भीड़ आने लगी है. हिन्दूओं में अपने संस्कार व संस्कृति के प्रति जागृति आई है और अब तो बड़ी संख्या में युवा वर्ग भी मंदिरों में पूजा अर्चना करने आने लगे हैं. संस्था की ओर से हिन्दू रीती रिवाज व पूजा अर्चना से सम्बंधित पुस्तकें भी निःशुल्क वितरित की जातीं हैं.
बताया जाता है कि यह संस्था पहले हिन्दू यूथ स्पिरिचुअल सेवा संगम के नाम से काम करती थी बाद में इसे विस्तार दिया और हिन्दू युनाईटेड प्रोग्रेसिव मूवमेंट के रूप में काम करने लगी जिसके अखिल भारतीय प्रेसिडेंट रवि राज हैं. उनका मानना है कि मंत्र जाप से जीवन में हर समस्या का समाधान होता है इसलिए मन पसंद मंत्र का जाप करने से कभी नहीं भूलें. यह जीवन से कष्ट दूर करने की अचूक दवा है.
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान
इसी प्रकार, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान गुरुग्राम नामक एनजीओं की स्टॉल भी इसी हैंगर में लगी हुई है। इस संस्था के साथ वालेंटियर के तौर पर कार्यरत कृष्ण कुमार ने बताया कि यह एक आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्था है, जिसका आश्रम तिहाड़ जेल में भी है। इस संस्था द्वारा जेल में बंद कैदियों के पुर्नवास के लिए उनको व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। संस्था के देश की विभिन्न 42 जेलों में कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस संस्था द्वारा दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए अंतरदृष्टि कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके अतंर्गत दृष्टिहीन तथा अन्य दिव्यांग व्यक्तियों को रोजमर्रा की आवश्यकता की वस्तुएं जैसे साबुन, अगरबत्ती आदि बनाने की विधा सिखाई जाती है जिसके बाद में अति गुणवत्ता युक्त उत्पाद बनाते हैं और संस्था के केंद्रों पर ये उत्पाद उपलब्ध रहते हैं।
रेवाड़ी की नवप्रेरणा संस्था
मेला में रेवाड़ी की नवप्रेरणा संस्था भी भाग लेने आई हुई है जो मानसिक रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों को घरेलू उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद करती है। इस संस्था के स्टॉल पर मौजूद शीशराम, जो मूलत: महेंद्रगढ़ से हैं लेकिन इस संस्था में विशेष अध्यापक के तौर पर कार्य कर रहे हैं, ने बताया कि यह संस्था रेवाड़ी के सैक्टर-3 में स्थित श्री गणेशीलाल धर्मशाला में दिव्यांगों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम चला रही है।
स्वस्थ ग्राम नामक संस्था
मेला परिसर में एक अनोखी डायग्रोस्टिक लैब भी देखने को मिली। इसकी विशेषता यह थी कि एक मोटर साईकिल पर पूरी लैब चलती है और गांव-गांव जाकर अफोरडेबल रेट्स पर पैथलोजी टैस्ट करती है। स्वस्थ ग्राम नामक संस्था द्वारा चलाई जा रही इस विशेष लैब पर एक व्यक्ति के पूरे शरीर के बेसिक टैस्ट मात्र 100 रूपए में किए जाते हैं, जबकि बड़ी-बड़ी लैब इसी कार्य के लिए हजारों रूपए चार्ज करती हैं। स्वस्थ ग्राम के स्टॉल पर मौजूद रितु, जो उत्तराखण्ड तकनिकी विश्वविद्यालय से बायोटैक्रोलॉजी में एमटैक हैं, ने बताया कि इस विशेष लैब द्वारा ढाई हजार रूपए में 20 व्यक्तियों का फुल बॉडी टैस्ट किया जाता है जबकि अन्य लैब इससे ज्यादा फीस एक व्यक्ति के एक टैस्ट के लिए ले लेती हैं।
रितु ने यह भी बताया कि उनकी संस्था द्वारा डीएमएलटी तथा सीएमएलटी के कोर्स भी जरूरतमंद तथा मेहनती विद्यार्थियों को करवाएं जाते हैं ताकि वे गांवों में जाकर रियायती दरों पर टैस्ट की सुविधा दे सके। इसी प्रकार, गौपुत्र सेना हिंदुस्तान के स्टॉल में गऊ से मिलने वाले गौमूत्र, गोबर, दूध आदि का उपचार में महत्त्व के बारे में बताया जा रहा है। इस संस्था द्वारा अपाहिज गऊओं को अपने यहां लाकर उनका उपचार किया जाता है और गौमूत्र, गोबर आदि से उत्पाद बनाकर बेचे जाते हैं।
नया सवेरा नामक एनजीओ
यही नहीं, मेला परिसर के एक स्टॉल में नया सवेरा नामक एनजीओ के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को डिजीटल ट्रांजेक्शन के तरीकों के बारे में समझाया जा रहा है। इस एनजीओ के स्टॉल पर मिले 10वीं कक्षा के हर्षित का कहना है कि वे लोगों को बताते हैं कि भीम एप का प्रयोग बिना इंटरनेट के भी किया जा सकता है। इसके अलावा, कार्ड स्वैपिंग मशीन के माध्यम से अदायगी तथा डैबिट कार्ड और क्रैडिट कार्ड के बीच अंतर के बारे में भी वे लोगों को बता रहें हैं।
श्री परम हंस स्वामी अड़गडानन्द जी आश्रम ट्रस्ट
अगर आपकी रूचि आध्यात्मिक पुस्तकों में है तो आप श्री परम हंस स्वामी अड़गडानन्द जी आश्रम ट्रस्ट के स्टाल पर दर्जनों पुस्तकों का अवलोकन कर सकते हैं. यहाँ आपको यथार्थ गीता, आर्य सनातन और हिन्दू धर्म सहित आध्यात्म के गूढ़ रहस्यों की अनेक पुस्तकें देखने को मिलेंगी जबकि श्री प्राणनाथ ज्ञान पीठ सरसावा के स्टाल पर पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद परमात्मा कौन है ? तमस के पार एवं बोध मंजरी जैसी धार्मिक ग्रंथों का संकलन भी मौजूद है.
मेवात की ऐतिहासिकता पर प्रदर्शनी
इसी मेले में अगर आप मेवात की ऐतिहासिकता को करीब से जानना कहते है तो आपको मेवात अद्ययन केंद्र के स्टाल पर आना होगा. यहाँ सैकड़ो वर्षों के इतिहास व संस्कृति पर पर आधारित लगाई प्रदर्शनी में आप हिन्दू तथा मेवों में समानता का अध्ययन कर सकते हैं जबकि स्वतंत्रता संग्राम में मेवाती लोगों का योगदान, मेवात में क्रांतिकारियों के मुख्य अड्डे, रामलीला में हिन्दू व मेव समाज के योगदान एवं दोनों की पारिवारिक प्रथा में समानता की झलक भी देखने को मिलती है. इस स्टाल पर मेवात के बिसरू गाँव के निवासी राजेश भारद्वाज व पिनगवां के राहुल कुमार मेवात में सामाजिक संस्थाओं की रचनात्मक भूमिका के बारे में बताने के लिए तत्पर दिखते हैं. यहाँ एकल विद्यालय, विद्या भारती, संघेल गोशाला, मेवाती तहजीब सद्भावना मंच, मेवात दर्शन कार्यक्रम, सेवा भारती, राष्ट्रिय मुश्लिम मंच, मेवात कारवां, मेवात केयर ट्रस्ट, आदम एन जी ओ एवं खिदमत एन जी ओ की और से मेवात में किये जा रहे कार्यों को भी दर्शाया गया है.
गुरुग्राम नेचुरोपैथी क्योर सेंटर”
यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपके लिए “गुरुग्राम नेचुरोपैथी क्योर सेंटर” की ओर से आपको प्राकृतिक चिकित्सा की पौराणिक विधि की पूरी जानकारी मिल सकती है. सेंटर की प्रमुख सुनीता कटारिया के अनुसार उनके संस्थान में 15 बेड की सुविधा है. यहाँ मसाज थेरेपी, मड थेरेपी, सौना बाथ, स्टीम बाथ, हेड आउट स्टीम, लोकल स्टीम, हिप बाथ सभी प्रकार की प्राकृतिक चिकित्सा अनुभवी डाक्टरों की देखरेख में की जाती है.
दर्शकों के मनोरंजन का भी पूरा ख्याल
आध्यात्मिक व संस्कारों का ज्ञान देने और प्राकृतिक वस्तुओं, आयुर्वेद, गौमूत्र आदि से उपचार की विधियां बताने के साथ-साथ मेले में आने वाले दर्शकों के मनोरंजन का भी पूरा ख्याल रखा गया है। मेला परिसर में बीच में खाली स्थान में विभिन्न प्रदेशों से आए कलाकार अपनी कला के माध्यम से दर्शको का मनोरंजन करते हैं। आज मेले के दूसरे दिन हरियाणा के कच्ची घोड़ी नृत्य के कलाकारों से प्रसन्न होकर दर्शक भी उनके साथ नाचने लगे। मेला परिसर में बनचारी नगाड़ा व नृत्य, राजस्थानी कालबेलिया नृत्य के अलावा दर्शको के मनोरंजन के लिए हरियाणा के पॉप स्टार गजेंद्र फोगाट के हास्य रस से भरे गीत व चुटकले भी सुनने को मिले।