ध्येय के साथ चलने वाला आदमी अपनी मंजिल तक पहुंचता है : अनिल विज

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-कैबिनेट मंत्री ने एसडी कालेज में आयोजित 47वें जोनल यूथ फेस्टिवल में बतौर मुख्यतिथि किया संबोधित 

– अनिल विज ने कालेज को अपनी पहली ग्रांट से 10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की

चंडीगढ़/अंबाला, 19 अक्टूबर : हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि बिना ध्येय के चलने वाला आदमी कहीं नहीं पहुंचता, मगर जो ध्येय के साथ चलता है वह मंजिल तक पहुंचता है। जितने भी शिक्षण संस्थान है इनका मकसद देश के लिए अच्छे, काबिल व संस्कारिक नागरिकों का निर्माण करना है और जब ऐसा होगा उस देश का मुकाबला कोई नहीं कर सकेगा।

श्री विज आज शाम एसडी कालेज, अंबाला में 47वें जोनल यूथ फेस्टिवल में बतौर मुख्यतिथि संबोधन दे रहे थे।

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि जोनल यूथ फेस्टिवल में विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यों का प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें देश भक्ति और राष्ट्र के अनुरूप कार्यक्रम भी करने चाहिए। उन्होंने कहा कि डांस डिस्को में भी होता है और सांस्कृतिक भी होता है। विचार व शक्तियां दोनों है, मगर चुनना हमने है कि हम किसको चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस यूथ फेस्टिवल में आकर उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है। उनके समय कालेज में यूथ फेस्टिवल होते थे तो वह इन्हें चाव से देखते थे। उन्होंने कहा कि यूथ फेस्टिवल में युवाओं को भाग लेना चाहिए और यह भी काफी जरूरी है।

इस दौरान श्री विज कार्यक्रम का आयोजन कर रहे एसडी कालेज को अपनी मंत्री कोटे की पहली ग्रांट से 10 लाख रुपए देने की भी घोषणा की। इससे पहले, एसडी कालेज में पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज का कालेज प्रिंसिपल राजिंद्र राणा, प्रो. नवीन गुलाटी, नीलइंद्रजीत संधु, प्रिंसिपल अनुपमा आर्या व अन्य ने स्वागत किया। विद्यार्थियों ने कई कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया जिनकी कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सराहना की। कालेज प्रबंधन समिति की ओर से मंत्री अनिल विज को पगड़ी पहनाकर व शॉल तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

इस कालेज में आता हूं तो ऐसे लगता है कि मानों समय रुक गया हो : कैबिनेट मंत्री अनिल विज

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में चुनाव संपन्न हुए है और चुनाव के दौरान बहुत व्यस्त कार्यक्रम रहा और इसके उपरांत उन्हें जब एसडी कालेज में आयोजित कार्यक्रम में आने का निमंत्रण मिला तो उनकी खुशी की सीमा नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह इसी कालेज के विद्यार्थी रहे हैं और जब भी वह इस कालेज में आते हैं तो ऐसे लगता है कि मानों समय रुक गया हो। उनकी आंखों के सामने 1968 का दृश्य चलने लगता है जब स्कूल से पास होने पर उनकी मां एसडी कालेज में एडमिशन कराने के लिए उन्हें लेकर आई थी। उनका तब नॉन-मेडिकल में एडमिशन कराया गया और आज वह जो भी है वह इसी कालेज की वजह से हूं। इसी कालेज में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए और कालेज के महासचिव भी बने। इस बार जब वह सातवीं बार चुनाव जीते तो नतीजा निकलने पर सबसे पहले उन्हें एसडी कालेज के उनके उस समय के प्रोफेसर गोपाल किशन का फोन आया जिन्होंने उन्हें बधाई दी।

युवाओं को देश का अच्छा राजनेता बनने का भी सपना देखना जरूरी है : विज

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम जब आजाद हुए तब प्रजातांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया। हमें कई वर्षों की गुलामी के बाद आजादी का दिन देखने को नसीब हो रहा था। आजादी के लिए भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव सिंह, नेता जी सुभाष चंद्र बोस व अनेकों सैनिक शहीद हुए। उस समय प्रजातांत्रिक पद्धति को अंगीकार किया गया और इस पद्धति से कई लोग चुनकर आते रहे। उन्होंने एक बार विधानसभा में कहा था कि अपने बारे में अगर कुछ सुनना है तो रेलवे स्टेशन, बस, गाड़ी, चाय की दुकान व अन्य स्थान पर थोड़ी देर खड़े हो जाए कि लोग तुम्हारे बारे क्या सोचते हैं। इसलिए वह जिस भी शिक्षण संस्थान में जाते हैं वह एक बात अवश्य कहते हैं कि आप इंजीनियर, डाक्टर व अन्य कुछ बनने के सपने देखते हो, मगर कोई यह सपना भी देखे कि वह इस देश का अच्छा राजनेता भी बनूंगा। उन्होंने कहा कि आज अच्छे राजनेताओं की भी जरूरत है।

अम्बाला छावनी की जनता को सैल्यूट करता हूं जिन्होंने मुझे सातवीं बार विधायक बनाया : विज

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि वह सातवीं बार अम्बाला छावनी से विधायक बने है और वह अम्बाला छावनी के निवासियों को सेल्यूट करते हैं जिन्होंने उन्हें विधायक बनाया। उन्होंने कहा कि एसडी कालेज में चल रहा यूथ फेस्टिवल उर्जा का स्त्रोत व शक्ति कुंज है। किसी भी देश को मोल्ड करने की ताकत उस देश के यूथ में हैं। यूथ ठीक दिशा में चले यह भी जरूरी है ताकि वह नकारात्मकता की ओर न जाए और गलत कार्यों में न शामिल हों और देश के अच्छे नागरिक बनें। नागरिक बनने के लिए केवल किताबी ज्ञान काफी नहीं है उन्हें अन्य क्षेत्रों में भी उत्थान करना चाहिए ताकि उनके अंदर कला को उभारा जा सके

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