दिल्ली एनसीआर और मिलेनियम सिटी गुरुग्राम के घर सजेंगे सरस मेले के सामान से

Font Size

-दिवाली के अवसर पर लोगों की निगाहें सरस मेला पर

-दीवाली पर सरस मेला में सजावट के सामानों और परिधानों के लिए लगी होड़

-रामलला की मूर्तियों, दीए, सजावट के सामानों की हो रही है धड़ाधड़ बिक्री

गुरुग्राम , 15 अक्टूबर। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं हरियाणा सरकार के सहयोग से स्थानीय लेज़र वेली पार्क में ‘सरस आजीविका मेला 2024’ की दिवाली के अवसर पर डिमांड और बढ़ गई है। दिल्ली एनसीआर और गुरुग्राम से ज्यादातर महिलाएं दिवाली पर पूजे जाने वाले भगवान् गणेश, माँ लक्ष्मी, रामलला की मूर्तियां, सजावट का सामान, गहने, परिधान और डिजाइनदार दीए आदि खरीद रही हैं। यह सारा सामान 900 लखपति दीदियों ने आपने हाथों से बनाकर तैयार किया है। जिसकी वजह से दिवाली का सामान सरस मेले में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

गुजरात से आई लखपति दीदी मलिक बैतूल बैन बताती हैं कि उनकी दुकान पर ज्यादतर लोग रानी हार , पाँव में पहने जाने वाला पंजा , जैकेट , और कोटी की ज्यादा डिमांड करते हैं यह कोटी महिला या पुरुष कोई भी पहन सकता है।

वहीँ झारखण्ड की संगीता देवी द्वारा बनाये गए सजावट के फूल भी लोगों का ध्यान अपनी और खींच रहे हैं ये कोई ऐसे वैसे फूल नहीं बल्कि इन फूलों को मकई की पत्ती, ताड़ पत्ता, स्टॉकिंग का कपड़ा और पेड़ से उतरने वाले छाल से इन्हें बनाया जाता है। जो दिखने में तो आकर्षित होते ही हैं बल्कि घर की सजावट में भी चार चाँद लगाने का काम करते हैं।

पांच दिन में तैयार होने वाले लैदर के लैंप और उन पर की गई पेंटिंग भी लोगों के बीच में चर्चा का विषय बनी हुई है। अपनी कलाकारी से सबको आश्चर्यचकित करने वाली कर्नाटक की हिस्परमा बताती है कि सिंपल लैंप तो बाज़ारों में मिल जाते हैं जो एक साल चलने के बाद ख़राब हो जाते हैं लेकिन उनके हाथ से बने ये लैंप सालोंसाल तक चलते हैं। यदि बल्ब फ्यूज भी हो जाये तो उसे बदला जा सकता है लेकिन लैदर से बना ये लैंप कभी ख़राब नहीं होता इसे सूखे या गीले कपडे से भी साफ़ किया जा सकता है। जिससे इसकी पेंटिंग भी नहीं उतरती है।

काठ से बनी हुई रामलला की मूर्तियां भी लोगों का मन मोह रही हैं ये मूर्तियां एक ही काठ की लकड़ी पर छैनी और हथौड़ी से कलाकृति उकेर कर बनाई जाती हैं । जिसमें गणेश, माँ लक्ष्मी की बिक्री भी लोग भरपूर कर रहे हैं।

गुजरात की पारुल देवी द्वारा छोटे छोटे मनकों से बनाई गई बंदरवाल, चौंकी , कलश , मटका , हार श्रृंगार का सामान , कान्हा का झूला , बैलगाड़ी , पूजा की थाली , मां लक्ष्मी की चरण पादुकायें भी इस दिवाली पर लोगों के घर की शोभा बढ़ाएंगी।

You cannot copy content of this page