‘पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी’ नाम से राष्ट्रीय उत्तरदायी पर्यटन पहल शुरू

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नई दिल्ली : भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी नाम से एक राष्ट्रीय उत्तरदायी पर्यटन पहल की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री के विजन के आधार पर पर्यटन को सामाजिक समावेशन, रोजगार और आर्थिक प्रगति के साधन के रूप में सक्षम बनाने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय ने भारत भर के 6 पर्यटन स्थलों – ओरछा (मध्य प्रदेश), गंडीकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार), आइजोल (मिजोरम), जोधपुर (राजस्थान) और श्री विजयपुरम (अंडमान – निकोबार द्वीप समूह) में ‘पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी’ की शुरुआत की।

इस पहल के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय का उद्देश्य गंतव्यों में पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है, उन्हें ‘पर्यटक-अनुकूल’ लोगों से मिलवाकर जो उनके गंतव्य के लिए गौरवान्वित एंबेसडर और कहानीकार हैं। उन सभी व्यक्तियों को पर्यटन से संबंधित प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करके ऐसा किया जा रहा है, जो किसी गंतव्य पर पर्यटकों के साथ बातचीत करते हैं और उनसे जुड़ते हैं।

‘अतिथि देवो भवः’ की भावना से प्रेरित होकर, कैब चालक, ऑटो चालक, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, बस स्टेशन के कर्मचारी, होटल कर्मचारी, रेस्तरां कर्मचारी, होमस्टे मालिक, टूर गाइड, पुलिस कर्मी, स्ट्रीट वेंडर, दुकानदार, छात्र और कई अन्य लोगों को पर्यटन, सामान्य स्वच्छता, सुरक्षा, स्थायित्व के महत्व और पर्यटकों को सर्वश्रेष्ठ आतिथ्य और देखभाल के महत्व पर प्रशिक्षण देकर उन्हें जागरूकता प्रदान की गई।

इन व्यक्तियों को गंतव्य की स्थानीय गाथाओं के साथ-साथ इसके कम-ज्ञात तथा विशिष्ट पर्यटन संबंधी लक्षणों से भी अवगत कराया गया, ताकि इन गंतव्यों में पर्यटकों के साथ बातचीत करने वाला प्रत्येक व्यक्ति स्थानीय एम्बेसडर और कहानीकार बन जाए, जो पर्यटकों को हर तरह से सकारात्मक अनुभव प्रदान करने का प्रयास करते हैं।

‘पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी’ के माध्यम से महिलाओं और युवाओं के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि वे हेरिटेज वॉक, फूड टूर, क्राफ्ट टूर, नेचर ट्रेक, होमस्टे अनुभव और गंतव्य की क्षमता के आधार पर अन्य अभिनव पर्यटन उत्पाद जैसे नए पर्यटन उत्पाद और अनुभव विकसित कर सकें। यह भी परिकल्पना की गई है कि स्थानीय लोग इन कौशलों का लाभ उठाकर होमस्टे मालिकों, खाद्य और व्यंजन अनुभव प्रदाताओं, सांस्कृतिक गाइड, प्राकृतिक गाइड, साहसिक गाइड और पर्यटन में अन्य भूमिकाओं के रूप में आगे चलकर लाभदायक रोजगार प्राप्त कर सकें।

पर्यटन-विशिष्ट प्रशिक्षण के बाद डिजिटल साक्षरता और डिजिटल उपकरणों में सामान्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके द्वारा प्राप्त किए गए अनुभव राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के लिए प्राप्त हो सकें। इस वर्ष 15 अगस्त को इस शीर्ष कार्यक्रम के बाद से, पर्यटकों के लिए सकारात्मक अनुभव बनाने के महत्व पर 6 पायलट गंतव्यों में लगभग 3,000 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वे पर्यटन मित्र बन गए हैं।

प्रभाव

‘पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी’ के प्रयासों के कारण, स्थानीय लोगों में पर्यटन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा बनने और पर्यटन से संबंधित इकोसिस्टम का हिस्सा बनने के लिए उत्साह देखा गया है।

इससे भी आगे बढ़कर, यह मंत्रालय ‘पर्यटन मित्रों और दीदी’ को समर्पित बैज और पहचान के साथ गंतव्यों में मान्यता देगा, जिससे पर्यटकों को पर्यटन मित्र के साथ अविश्वसनीय अनुभव का आश्वासन मिलेगा।

विश्व पर्यटन दिवस 2024 पर, पर्यटन मंत्रालय ने देश के निम्नलिखित 50 पर्यटन स्थलों पर ‘पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी’ लॉन्च किया है:

राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश गंतव्य 1 गंतव्य 2
अंडमान – निकोबार द्वीप समूह श्री विजया पुरम
आंध्र प्रदेश गांडीकोटा तिरूपति
अरुणाचल प्रदेश तवांग
असम गुवाहाटी
बिहार बोधगया नालंदा
चंडीगढ़ चंडीगढ़
छत्तीसगढ़ रायपुर
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव दमन
दिल्ली दिल्ली
गोवा गोवा
गुजरात अहमदाबाद केवडिया
हरियाणा कुरूक्षेत्र
हिमाचल प्रदेश शिमला
जम्मू-कश्मीर श्रीनगर
झारखंड रांची
कर्नाटक हम्पी मैसूर
केरल तिरुवनंतपुरम कोच्चि
लद्दाख लेह
लक्षद्वीप कावारत्ती
मध्य प्रदेश ओरछा उज्जैन
महाराष्ट्र औरंगाबाद नासिक
मणिपुर इम्फाल
मेघालय शिलांग
मिजोरम आइजोल
नगालैंड दीमापुर
ओडिशा पुरी
पुडुचेरी पुडुचेरी
पंजाब अमृतसर पटियाला
राजस्थान जोधपुर जयपुर
सिक्किम गंगटोक
तमिलनाडु महाबलीपुरम तंजावुर
त्रिपुरा अगरतला
तेलंगाना हैदराबाद
उत्तर प्रदेश वाराणसी आगरा
उत्तर प्रदेश अयोध्या
उत्तराखंड हरिद्वार ऋषिकेश
पश्चिम बंगाल दार्जिलिंग कोलकाता

 

‘पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी’ पहल का उद्देश्य सभी का स्वागत करना है, ताकि वे अतुल्य भारतीयों के माध्यम से अतुल्य भारत का अनुभव कर सकें, जिससे भारत में आने वाले पर्यटकों के लिए अधिक स्वागतयोग्य, आतिथ्ययोग्य और यादगार अनुभव बन सके।

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