नई दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किन्नोरी घोष @ अन्य बनाम भारत संघ और अन्य- आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना में मृतक के नाम और फोटो के प्रसार के मामले में 20 अगस्त, 2024 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का पालन करने के लिए कहा है।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक निषेधाज्ञा आदेश के माध्यम से निर्देश दिया है कि मृतक को दर्शाने वाली किसी भी तस्वीर और वीडियो क्लिप के साथ ही मृतक की पहचान के सभी संकेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तुरंत हटा दिए जाएं। यह निर्देश संबंधित घटना से जुड़े संवेदनशील सामग्री के प्रसार के बारे में चिंता जाहिर किए जाने के बाद जारी किया गया है।
न्यायालय के आदेश का पैराग्राफ इस प्रकार है:
“यह न्यायालय निषेधाज्ञा जारी करने के लिए बाध्य है, क्योंकि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मृतक की पहचान और शव की बरामदगी के बाद शव की तस्वीरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया है।
हम तदनुसार निर्देश देते हैं कि उपरोक्त घटना में मृतक की तस्वीरों और वीडियो क्लिप सहित उनकी पहचान के सभी संकेत इस आदेश के अनुपालन में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तुरंत हटा दिए जाएंगे।”
इस आदेश के आलोक में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस बात पर जोर देता है कि न्यायालय के निर्देश का पालन करना महत्वपूर्ण है, ताकि इसमें शामिल लोगों की गोपनीयता और गरिमा की रक्षा की जा सके और इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय सभी सोशल मीडिया कंपनियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता है कि ऐसी संवेदनशील जानकारी को आगे प्रसारित न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर कानूनी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं और आगे की नियामक कार्रवाई हो सकती है।
सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में की गई कार्रवाई के बारे में साइबरलॉ-लीगल@एमईआईटीवाई.जीओवी.इन पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी सूचित करना चाहिए।