– हरियाणा पुलिस की अपील- किसी अनजान व्यक्ति से बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी, ओटीपी आदि न करें सांझा
चंडीगढ़, 13 मई। यदि कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी, ईडी प्रतिनिधि अथवा सीबीआई अधिकारी बनकर ऑनलाइन माध्यम से रूपयों की मांग करता है तो सावधान हो जाएं क्योंकि ऐसा करने पर आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। कोई भी सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी ऑनलाइन माध्यम से रूपयों की मांग नहीं करता और यदि कोई ऐसा कर रहा है तो निश्चित तौर पर वह साइबर अपराधी है जो आपको साइबर फ्रॉड का शिकार बनाना चाहता है।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराधियों द्वारा अलग-अलग प्रकार के तरीके अपनाते हुए लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है ऐसे में जरूरी है कि लोग सावधान रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति की बातों में आकर रुपयो को ट्रांसफर ना करें। यदि लोग साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो तुरंत हैल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें ताकि साइबर फ्रॉड की राशि को तुरंत फ्रिज किया जा सके।
इसका हाल ही में एक ताजा उदाहरण देखने को मिला। गुरुग्राम के निवासी एक चिकित्सक को 8 अप्रैल 2024 को एक फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने चिकित्सक के दो मोबाइल नंबर अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की बात कही और उन्हें ब्लॉक करने का डर दिखाया। चिकित्सक को बताया गया कि उनका आधार नंबर मनी लांड्रिंग तथा गैरकानूनी बैंक खातों से लिंक है और इस मामले में उनके खिलाफ 17 शिकायतें दर्ज है। फोन करने वाले व्यक्ति ने उन्हें डराया धमकाया और फोन को सीबीआई अधिकारी को ट्रांसफर करने की बात कही। इसके बाद चिकित्सक के पास एक व्यक्ति ने सीबीआई अधिकारी बनकर बात की और चिकित्सक के नाम का एक फर्जी अरेस्ट वारंट दिखाया। चिकित्सक फर्जी अरेस्ट वारंट देखकर घबरा गया। इसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने चिकित्सक को 9 अप्रैल को 68 लाख रुपए दिए गए बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए कहा और साथ ही यह जानकारी किसी के साथ शेयर ना करने के लिए भी चिकित्सक को कहा।
चिकित्सक को कहा गया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है इसलिए वह चुपचाप बताए गए खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दे। इसके साथ ही फोन करने वाले व्यक्ति ने चिकित्सक से बैंक खाता विवरण तथा परिवार की डिटेल भी शेयर करने के लिए कहा। चिकित्सक से कहा गया कि वह जांच में सहयोग करें अन्यथा वह बड़ी मुसीबत में पड़ सकता है। इस प्रकार 25 अप्रैल तक फोन करने वाले लोगों ने लगातार चिकित्सक से संपर्क किया और बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करवाते रहे। इस प्रकार, 25 अप्रैल 2024 तक चिकित्सक द्वारा 4 करोड़ 43 लाख रुपए की राशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाई गई। इसके बाद चिकित्सक ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे अपने बेटे से संपर्क किया और उसे पूरी जानकारी दी तब उन्हें पता चला कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं इसके बाद चिकित्सक ने 28 अप्रैल को गुरुग्राम में साइबर थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवाई।
हरियाणा पुलिस लोगों से यह अपील करती है कि वे इस प्रकार के किसी भी फोन के आने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें । यदि कोई व्यक्ति पुलिस अधिकारी, ईडी प्रतिनिधि, सीबीआई अधिकारी अथवा पार्सल आदि पकड़े जाने का डर दिखाकर रूप्यों की मांग करता है तो उसे पकड़वाने में सहयोग करें।