साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत डायल करें हेल्पलाइन नंबर 1930 : डीजीपी हरियाणा

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– साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जा रहे अलग-अलग तरीको का श्री कपूर ने किया उल्लेख
– आमजन से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोग किसी प्रकार के लालच में ना आए और बिना तथ्यों की जांच पड़ताल के ओटीपी शेयर ना करें

चंडीगढ़, 18 मार्च। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे साइबर फ्रॉड से बचाव को लेकर सतर्क रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति से ओटीपी शेयर ना करें। साइबर फ्रॉड होने पर जल्द से जल्द, गोल्डन ऑवर में, हेल्पलाइन नंबर-1930 पर संपर्क करें ताकि साइबर फ्रॉड की गई राशि को फ्रिज किया जा सके।

श्री कपूर ने यह जानकारी आज रोहतक जिला में मीडिया प्रतिनिधियों से रूबरू होते हुए दी। श्री कपूर ने कहा कि साइबर अपराध हम सभी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन सर्तकता से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि आज के इस डिजिटल युग में लोग अधिक से अधिक ऑनलाइन माध्यम से पैसों का लेनदेन करते हैं और यूपीआई, नेट बैंकिंग इत्यादि का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों का उल्लेख करते हुए बताया कि साइबर अपराधी लोगों के पास फोन करते हैं और उन्हें अलग-अलग प्रकार का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट से राशि अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लेते हैं। श्री कपूर ने स्पष्ट कहा कि आमजन को किसी भी अनजान व्यक्ति द्वारा दिए गए लालच से अपना बचाव करना है और किसी भी व्यक्ति से ओटीपी शेयर नहीं करना है। उन्होंने कहा कि पैसा लेने के लिए कभी ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि पैसा अकाउंट से बाहर निकालने के लिए ओटीपी की जरूरत पड़ती है इसलिए लोग किसी भी प्रकार के लालच में ना पड़े।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कई बार साइबर अपराधी ट्रेडिंग अथवा स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने का प्रलोभन लोगों को देते हैं और उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लेते हैं। इन साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी वेबसाइट बनाकर शेयर आदि की कीमतें बढ़ी हुई दर्शाई जाती हैं जिससे लोग साइबर अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं और साइबर फ्रॉड का शिकार बनते हैं। लोगों को इस प्रकार की झांसे में नहीं आना है और सतर्क रहना है।

इसी प्रकार , साइबर अपराधियों द्वारा ट्राई की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए फोन नंबर बंद करने का भय दिखाया जाता है और उन्हें साइबर ठगी का शिकार बनाया जाता है। इसके अलावा, साइबर अपराधियों द्वारा स्वयं को सीबीआई, ईडी तथा पुलिस का अधिकारी बताकर लोगो को एफआईआर का दिखाकर सेटल करने के लिए लाखों रुपए की मांग की जाती है जिनके झांसे में आकर लोग साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं।

एक अन्य तरीके का उल्लेख करते हुए श्री कपूर ने बताया कि साइबर ठगों द्वारा कई बार लोगों के सगे संबंधियों को मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर पैसे की मांग की जाती है ताकि वे तुरंत पैसा ट्रांसफर कर दे और इस तरह लोग घबरा कर पैसा ट्रांसफर कर देते हैं और साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं।

श्री कपूर ने कहा कि बिना वेरिफिकेशन के लोग पैसा ट्रांसफर ना करें और सतर्क रहें। यदि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं तो इसकी जानकारी तुरंत हेल्पलाइन नंबर-1930 पर दे। साइबर ठगी की जानकारी जल्द से जल्द अर्थात गोल्डन आवर्स में देने पर फ्रॉड की गई राशि को फ्रीज करने की संभावना अत्याधिक होती है, इसलिए लोग साइबर ठगी का शिकार होने पर जल्द से जल्द अपनी शिकायत हेल्पलाइन नंबर-1930 पर रजिस्टर करना सुनिश्चित करें।

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