केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने बौद्ध विकास योजना के तहत कई राज्यों में स्वीकृत परियोजनाओं की आधारशिला रखी

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नई दिल्ली :  केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री, स्मृति इरानी ने वर्चुअल मंच के माध्यम से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तत्वावधान में बौद्ध विकास योजना के तहत 225 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली स्वीकृत परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

वर्तमान सरकार की ‘विरासत के साथ विकास’ और ‘विरासत का सम्मान’ की अवधारणा के अनुरूप इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने शैक्षणिक सहयोग, अनुसंधान को प्रोत्साहन देने, भाषा के संरक्षण, प्रतिलेखों के अनुवाद और बौद्ध समुदाय के कौशल उन्नयन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन बौद्ध स्टडीज को मजबूती प्रदान करने के लिए 30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।

‘विकसित भारत’ के उद्देश्य के अनुरूप मंत्री ने इच्छा व्यक्त की कि केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (सीआईबीएस), दिल्ली विश्वविद्यालय के बौद्ध सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज इन बौद्ध स्टडीज और अन्य प्रमुख संस्थानों को एकीकृत विकास के लिए मिलकर सहयोग करना चाहिए। जिससे बौद्ध सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान का संरक्षण किया जा सके साथ ही उन्हें आधुनिक शिक्षा दी जा सके।

आज नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम के अलावा, यह कार्यक्रम संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी  सिक्किम सरकार के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंग तमांग, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू, भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला, संबंधित राज्यों के विभिन्न मंत्री, संसद सदस्य, विधान सभा के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया है।

अल्पसंख्यकों के विकास की दिशा में एक अन्य कदम उठाते हुए भारत सरकार की प्रतिबद्धता “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण के अनुरूप प्राथमिक रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और राज्यों के दूर- दराज के सीमावर्ती क्षेत्रों में बौद्ध समुदायों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में बौद्ध युवाओं के लिए आधुनिक शिक्षा और पेशेवर/व्यावसायिक और कौशल विकास पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त प्रावधान के साथ पारंपरिक धार्मिक शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष बनाना है। इनके विकास के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एक कार्यक्रम संबंधी योजना बौद्ध विकास योजना (बीडीपी)” लेकर आया है।

यह कार्यक्रम मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके), प्रधानमंत्री-विकास, छात्रवृत्ति के साथ-साथ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी)  द्वारा संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं व अन्य मंत्रालयों में प्रासंगिक कार्यक्रमों को एकीकृत करके कार्यान्वित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में जागरूकता अभियानों के प्रावधान शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह योजनाएं और कार्यक्रम उल्लिखित पांच राज्यों में बौद्ध समुदायों की पहुंच के भीतर हैं।

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