नई दिल्ली : नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल ने स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत की उपस्थिति में 42 वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में आयुष्मान भव स्वास्थ्य मंडप का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “व्यापार मेला स्वास्थ्य के लिए की गई पहलों को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। इसमें जनता के लिए उपलब्ध और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की श्रृंखला की बढ़ती गति पर विशेष ध्यान दिया गया है।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के इस वर्ष के मंडप की थीम है – “वसुधैव कुटुंबकम, व्यापार से एकजुटता”जबकि स्वास्थ्य मंडप की थीम “आयुष्मान भव” है।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए डॉ. पॉल ने निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित विभिन्न स्वास्थ्य कियोस्क की सराहना की। ये कियोस्क लोगों को विशेष रूप से आयुष्मान भव के तहत सरकार द्वारा पेश की जा रही व्यापक स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं। मंडप में स्टालों की सराहना करते हुए, उन्होंने बीमारियों के प्रति जागरूकता पैदा करने, आवश्यक उपचार का लाभ उठाने और किसी भी प्रतिकूल प्रभाव, जहां तक संभव हो, को कम करने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. पॉल ने जन आंदोलन के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जनता के बीच जागरूकता से अच्छी स्वास्थ्य प्रथाओं को समर्थन मिलेगा, जिससे व्यवहार में बदलाव आएगा।
सिकल सेल एनीमिया की पहल के बारे में डॉ. वी.के. पॉल ने सही उपचार सुनिश्चित करने और बीमारी के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में परामर्श के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के महत्व पर प्रकाश डाला। किशोर उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य के मुद्दे पर उन्होंने कहा, “आने वाली पीढ़ी का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना जरूरी है।” उन्होंने इस उद्देश्य को हासिल करने में जन आंदोलन की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने 1,60,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना की सराहना करते हुए कहा कि ये केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आगे कहा कि “आभा रिकॉर्ड देश भर में स्वास्थ्य देखभाल सुविधा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
सुधांश पंत ने डिजिटल स्वास्थ्य पहलों पर जोर दिया और उनके सार्वभौमिक प्रभाव और अनुप्रयोग को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आयुष्मान कार्ड, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से वंचित समुदाय को दूर-दराज के इलाकों में नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ की सुविधा सुनिश्चित कर रहे हैं।” उन्होंने हितधारकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे कार्यक्रम में उपलब्ध स्टालों की श्रृंखला से जुड़ें और स्वास्थ्य पहलों के लिए जागरूकता पैदा करने में भाग लें।
स्वास्थ्य मंडप, हाल ही में लॉन्च किए गए पीएम टीबी-मुक्त भारत अभियान, राष्ट्रीय सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम, एफएसएसएआई, एनएसीओ, एबी पीएमजेएवाई, एनवीबीडीसीपी, एनएचए सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विभिन्न पहलों, योजनाओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। इसमें सूचनात्मक गतिविधियों, जीवन-रक्षक कौशल तथा मधुमेह, एनीमिया, रक्तचाप, बीएमआई आदि की जाँच और स्क्रीनिंग के लिए विभिन्न स्टॉल भी मौजूद हैं।
इस कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. राजीव भाल, स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव रोली सिंह, स्वास्थ्य मंत्रालय की एएस एवं एमडी एल.एस. चांगसेन, अपर सचिव हेकाली झिमोमी तथा वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।