गुरुग्राम, 01 सितम्बर। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश के किसान अब पारंपरिक खेती की फसलों को छोड़ बागवानी व कृषि की मुनाफे की खेती का रूख कर रहे है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान सरकार द्वारा जोखिम मुक्त खेती की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ के माध्यम से पारंपरिक फसलों को छोड़कर बागवानी व कृषि में नए-नए प्रयोग करके अपनी आय बढ़ाने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में आधुनिक तकनीक पर दी जा रही सब्सिडी, बाजार की मांग आधारित फसल व सही शोध से कृषि व्यवसाय को एक नया स्वरूप मिल रहा है। उपमुख्यमंत्री शुक्रवार को गुरुग्राम स्थित टीकली गांव में एक प्रगतिशील किसान के ओजी रूट्स हाइड्रोपोनिक्स फार्म का निरीक्षण करने पहुँचे थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाने में हरियाणा के किसान भाइयों का अहम योगदान रहा है। हमारे किसानों की अथक मेहनत की बदौलत हम कृषि क्षेत्र मे आत्मनिर्भर होकर आज निर्यात भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज समय के साथ-साथ कृषि की जरूरतें बदल गई हैं। पारंपरिक खेती मौजूदा कृषि किसान को लाभ तो दे नहीं रही पर प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान अवश्य पहुंचा रही है। इसमें सुधार के लिए बदलाव की अति आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि आज पारंपरिक खेती की बजाए, हमें बागवानी व कृषि को व्यवसाय का रूप देना होगा। जिसके लिए हमें रसायनों व खादों के प्रयोग से बचते हुए समय की जरूरत के अनुसार अपनी खेती को आधुनिकता से जोड़ कर उसे प्राकृतिक खेती की और मोड़ना होगा। ऐसे में पोलीहाउस व हाइड्रोपोनिक्स हाउस बेहतर विकल्प है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा बागवानी के लिए पोलीहाउस स्थापित करने पर स्ट्रक्चर पर 50 प्रतिशत व हाइड्रोपोनिक्स फार्म की स्थापना पर कुल लागत पर 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अतिरिक्त अपनी उपज को स्टोर करने के लिए कोल्ड स्टोरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है।
इस अवसर पर बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव, जिला बागवानी अधिकारी राजेन्द्र सिंह लाठर, डीएचसी मांगेराम गोदारा सहित जिला बागवानी विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।