नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि राष्ट्रपति भवन प्रौद्योगिकी के द्वारा पिछले एक साल में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों से जुड़ा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति भवन के अधिकारी प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करके प्रणाली को ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाकर काम करना जारी रखेंगे।
एक वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने के मौके पर, राष्ट्रपति मुर्मु ने कई गतिविधियों में भाग लिया। इनमें शामिल हैं-
1. राष्ट्रपति सम्पदा स्थित शिव मंदिर के पुनर्विकास की आधारशिला रखी।
2. राष्ट्रपति सम्पदा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय के खेल मैदान में क्रिकेट पवेलियन के निर्माण की आधारशिला रखी।
3. इंटेल इंडिया के सहयोग से राष्ट्रपति भवन द्वारा विकसित एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस गैलरी-नवाचार का उद्घाटन किया। यह गैलरी विद्यार्थियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रशिक्षकों द्वारा बनाये गये व्यापक नवाचारों और स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समाधानों को प्रदर्शित करती है। यह 6 इंटरेक्टिव प्रदर्शनों से सुसज्जित है, जो राष्ट्रपति भवन की भव्यता के बारे में जानकारी देता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कौशल को लोकतांत्रिक बनाने के लिए प्रेरणा की भावना जागृत करता है।
4. राष्ट्रपति के वस्त्र संग्रह-सूत्र कला दर्पण का उद्घाटन किया। यह गैलरी प्राचीन वस्त्रों के एक उल्लेखनीय संग्रह को प्रदर्शित करती है, जो राष्ट्रपति भवन की शानदार धरोहर का दस्तावेजीकरण करती है। राष्ट्रपति भवन विशिष्ट वस्त्र से जुड़ी परंपराओं का भंडार है, जिसमें जरदोज़ी और सोने की कढ़ाई वाले मखमल से लेकर कालीन, बिस्तर और टेबल कवरिंग से लेकर बढ़िया मलमल और रेशम के पर्दे तक शामिल हैं। हर एक उत्कृष्ट कृति न सिर्फ कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करती है, बल्कि इस प्रतिष्ठित इमारत की स्थायी विरासत एक अनूठे दस्तावेज के रूप में भी काम करती है।
5. राष्ट्रपति ने जनजातीय दर्पण का भी उद्घाटन किया- यह विभिन्न जनजातीय समुदायों की साझी और जोड़ने वाली सांस्कृतिक विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाली एक गैलरी है। इस गैलरी का मकसद समृद्ध कला, संस्कृति और इस राष्ट्र के निर्माण में जनजातीय समुदायों के योगदान की एक झलक प्रदान करना है। गैलरी में अलग-अलग विषय शामिल हैं, जैसे कि गुमनाम जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों, पारंपरिक संसाधन प्रबंधन प्रथाओं, जैसे की हलमा, टोकरा कला, संगीत वाद्य यंत्र, गुनजला गोंडी स्क्रिप्ट, कृषि और घरेलू उपकरण, बांस की बास्केट, वस्त्र, वॉली, गोंडी और कीचड़, स्क्रॉल, मैच, मास्क और गहने, धातु कर्म, हथियार, टटू को प्रदर्शित करने वाले समकालीन चित्र, एक पारिस्थितिक परिवेश और राजदंड को प्रदर्शित करने वाली चित्रावली। इस गैलरी की स्थापना राष्ट्रपति भवन द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से की गई है।
6. राष्ट्रपति के सचिव श्री राजेश वर्मा, एनआईसी के महानिदेशक श्री राजेश गेरा और राष्ट्रपति भवन और एनआईसी के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में भारत की राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन की फिर से विकसित की गई वेबसाइट का शुभारंभ किया गया। उन्होंने ई-बुक (लिंक-https://rb.nic.in/rbebook.htm) के रूप में राष्ट्रपति पद के पिछले एक साल की झलकियों का एक संकलन भी जारी किया।
7. उन्होंने आयुष कल्याण केंद्र, राष्ट्रपति संपदा पर लिखी गई पुस्तक की पहली प्रति प्राप्त की, जिसका शीर्षक ‘स्वास्थ्य का संरक्षण, परंपराओं को अपनाना’ है।
वेबसाइट के लोकार्पण कार्यक्रम में अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में राष्ट्रपति के सचिव ने कहा कि राष्ट्पति भवन में पिछले एक वर्ष में कई नागरिक केंद्रित पहल की हैं, जैसे राष्ट्रपति निवास मशोबरा और राष्ट्रपति निलयम को पूरे वर्ष आम लोगों के लिए खोलना, अमृत उद्यान खोलने की अवधि बढ़ाना और आगंतुक स्लॉट की संख्या में बढ़ोतरी करना। राष्ट्पति संपदा में लीक से हटकर जो सोच होती है उसको बढ़ावा देने व पूरे कामकाजी और रहने के माहौल में सुधार के लिए एक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने इन पहलों में मार्गदर्शन और संरक्षण के लिए राष्ट्पति को धन्यवाद दिया।