नई दिल्ली : केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय ने अपनी प्रमुख योजना राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) के तहत आज दिल्ली में फिक्की और बीआईएस के सहयोग से मानकों और विनियमनों पर छठे राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें भारत में तकनीकी वस्त्रों के लिए मानकों, गुणवत्ता नियमों और एचएसएन कोड के युक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया गया।
इस कार्यक्रम में तकनीकी वस्त्रों के विशेष क्षेत्रों जैसे सुरक्षात्मक वस्त्र, भू-टेक्सटाइल, बिल्ड टेक, ओकोटेक, चिकित्सीय वस्त्र और तकनीकी वस्त्र के अन्य उभरते क्षेत्रों के तहत मानकों और विनियमनों पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम में 5 तकनीकी सत्र शामिल थे। एक विशेष सत्र में एचएसएन कोड और मानकों के युक्तिकरण और क्यूसीओ के कार्यान्वयन पर भी विचार-विमर्श हुआ।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने कॉन्क्लेव के दौरान 4 नए मानक जारी किए – (i) आईएस 18266: 2023, वस्त्र – मेडिकल रेस्पिरेटर – विशिष्टता, (ii) आईएस 18309: 2023 भू-सिंथेटिक्स – बहुत नरम प्लास्टिक मिट्टी के त्वरित समेकन के लिए पूर्वनिर्मित ऊर्ध्वाधर नालियां – विशिष्टता, (iii) आईएस 18158: 2023 वस्त्र – फर्श कवरिंग – कृत्रिम ग्रे लैंडस्केप के लिए सिंथेटिक यार्न से बना एसएस कालीन – विशिष्टता और (iv) आईएस 18161: 2023, वस्त्र – 50 किलो सरसों के बीज, नाइजर बीज और रागी की पैकिंग के लिए हल्के वजन के जूट सैकिंग बैग – विशिष्टता।
कॉन्क्लेव में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें केंद्रीय मंत्रालयों, केंद्र और राज्य सरकारों के उपयोगकर्ता विभागों के अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों सहित विभिन्न श्रेणियों में तकनीकी वस्त्रों से संबंधित संस्थान, उद्योगों के प्रमुख, वैज्ञानिक विशेषज्ञ, शोधकर्ता और पेशेवर शामिल थे।
भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की सचिव रचना शाह ने इस बात पर प्रकाश डाली कि तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में मानकों पर काफी प्रगति हुई है। तकनीकी वस्त्र उत्पादों के लिए गुणवत्ता मानक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये उत्पाद अत्यधिक विशिष्ट और तकनीकी प्रकृति के हैं। प्रत्येक उत्पाद श्रेणी और खंड के लिए मानकों का निरंतर निर्माण और संशोधन भारत में तकनीकी वस्त्र उत्पादों की खपत पर बहुत असर डालता है।
उन्होंने सलाह दी कि तकनीकी वस्त्र उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए, उन्हें प्रासंगिक एचएसएन कोड के साथ मैप करना आवश्यक है जो एचएसएन मैपिंग आवश्यकताओं के साथ व्यापार ट्रैकिंग और संरेखण को सुव्यवस्थित करने को आसान बनाएगा। ये कदम वस्त्र मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं जैसे पीएम मित्र, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के प्रभावी कार्यान्वयन में भी उपयोगी सिद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि कमियों की पहचान करने और क्षेत्र के विकास के लिए मानकीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रमाणन एजेंसियों, अनुसंधान संगठनों, उद्योग, शिक्षा जगत और मंत्रालय के बीच एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण का होना जरूरी है।
भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव सक्सेना ने सम्मेलन के लिए प्रसंग निर्धारित करते हुए, विशेष रूप से वैश्विक मानकों के अनुरूप, क्यूसीओ के प्रभावी कार्यान्वयन और तकनीकी वस्त्रों के लिए नए मानकों की शुरुआत के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 में 32 नए तकनीकी वस्त्रों के एचएसएन कोड अधिसूचित किए गए थे, जो पहले से अधिसूचित 207 एचएसएन कोड की सूची से अलग हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि तकनीकी वस्त्रों के लिए एचएसएन कोड को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक तकनीकी समिति का पहले ही गठन किया जा चुका है।
नए क्यूसीओ जारी करने के संबंध में उन्होंने उल्लेख किया कि भू-टेक्सटाइल्स और रक्षात्मक टेक्सटाइल्स के तहत 31 तकनीकी वस्त्र वस्तुओं के लिए 2 क्यूसीओ अधिसूचित किए गए हैं जो 7 अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएंगे। इसके अलावा, मंत्रालय ने 22 कृषि टेक्सटाइल्स, 6 चिकित्सीय टेक्सटाइल्स सहित 56 तकनीकी वस्त्र वस्तुओं के लिए क्यूसीओ को अधिसूचित करने का काम भी शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी वस्त्रों में उत्पादों की गुणवत्ता, सुरक्षा और विश्वसनीयता के निर्दिष्ट मानकों को सुनिश्चित करने के लिए क्यूसीओ महत्वपूर्ण हैं। मंत्रालय ने चरणबद्ध तरीके से तकनीकी वस्त्रों में क्यूसीओ को लागू करने का सफर शुरू कर दिया है।
इसके अलावा, उन्होंने उद्योग से नए क्यूसीओ, नए उत्पाद विनिर्देश मानकों के विकास, मौजूदा एचएसएन कोड के युक्तिकरण और तकनीकी वस्त्रों के लिए नए एचएसएन कोड की शुरुआत आदि की किसी भी आवश्यकता के लिए संस्तुति करने का आग्रह किया।
एच जे एस पसरीचा, वैज्ञानिक-एफ एवं उप महानिदेशक-प्रमाणन तथा सीएसएमडी, बीआईएस, ने कहा कि बीआईएस के वस्त्र प्रभाग ने वस्त्रों के लिए 1500 से अधिक मानक प्रकाशित किए हैं, जिनमें से लगभग 600 मानक तकनीकी वस्त्रों और इसकी परीक्षण विधियों के बारे में हैं।
मानकों को जारी करने की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए, बीआईएस वस्त्र (आईएसओ/टीसी 38), वस्त्र मशीनरी (आईएसओ/टीसी 72), भू-सिंथेटिक्स (आईएसओ/टीसी 221), मासिक धर्म उत्पाद आईएसओ/टीसी 338, व्यक्तिगत सुरक्षा (आईएसओ/टीसी 94) समितियों और आईएसओ में इसकी उपसमितियों पर पी सदस्यता बनाए रख रहा है और विभिन्न आईएसओ/आईईसी तकनीकी समितियों में नेतृत्व की भूमिका निभाकर आईएसओ/आईईसी स्तर पर भारतीय विशेषज्ञों की भागीदारी बढ़ाने के लिए व्यापक प्रक्रिया सुधार करने में लगा हुआ है।
फिक्की टेक्सटाइल एवं टेक्नीकल टेक्सटाइल्स समिति के सहअध्यक्ष मनमोहन सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि निवेश और उपभोग दोनों के लिए देश में तकनीकी टेक्सटाइल्स की भारी संभावनाएं हैं। विकास को बढ़ावा देने, गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले मजबूत मानकों और विनियमनों को समझना तथा इनको स्थापित करना महत्वपूर्ण है।
मनमोहन सिंह ने तकनीकी वस्त्र मिशन का भी जिक्र किया, जो वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख मिशन है और इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण तरीकों से समर्थन दे रहा है।