स्वास्थ्य मंत्रालय के चिन्तन शिविर में स्वास्थ्य विजन डाक्यूमेंट पर हुई गहन चर्चा

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नई दिल्ली :  जब हम इस गहन चिंतन शिविर से अपने राज्यों में जाएं, तो हम इस शिविर से मिली सीख का उपयोग करें और अपनी केंद्रित नीतियों के माध्यम से संकल्प लें कि हम देश में सभी को आयुष्मान भारत कार्ड और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता आईडी से जोड़ेंगे और हमारे राज्यों को ‘टीबी मुक्त’ बनाएं, देश से कुष्ठ रोग, कालाजार और मलेरिया को खत्म करने की दिशा में भी काम करें”। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज देहरादून में दो दिवसीय स्वास्थ्य चिन्तन शिविर के समापन पर अपने समापन भाषण में कही।

स्वास्थ्य चिन्तन शिविर में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, (उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़)  टीएस सिंहदेव की भागीदारी रही। (उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश)  ब्रजेश पाठक, (पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री)  बीएस पंत, (राज्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मध्यप्रदेश)  विश्वास सारंग, (लोक निर्माण विभाग, पुडुचेरी)  के लक्ष्मी नारायणन, सहित विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री,  धन सिंह रावत (उत्तराखंड),  रजनी विदाल (आंध्रप्रदेश), अलो लिबांग (अरुणाचल प्रदेश),  केशव महंत (असम),  ऋषिकेश पटेल (गुजरात),  बन्ना गुप्ता (झारखंड)  दिनेश गुंडू राव (कर्नाटक),  सपन रंजन सिंह (मणिपुर) डॉक्टर आर ललथंगलियाना (मिज़ोरम),  थिरु मा. सुब्रमण्यम (तमिल नाडु) ने भी विचार मंथन शिविर समापन सत्र में भाग लिया

36 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारी भी दो दिवसीय सम्मेलन में सम्मिलित रहे।

उन्होंने कहा, आइए, हम एक विजन डाक्यूमेंट तैयार करें, जो देश के अमृत काल के अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप की तरह काम करेगा और नागरिकों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में हमारे प्रयासों का मार्गदर्शन करेगा।

उन्होंने केंद्र और राज्यों को देश के लिए भविष्य की स्वास्थ्य नीतियां बनाने के लिए मिलकर काम करने की सलाह दी। उन्होंने राज्यों को अपने स्वयं के चिंतन शिविर आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जहाँ उनके विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं और प्राथमिकताओं के अनुसार स्थानीय समाधान निकाले जा सकते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा को और अधिक समावेशी बनाने के लिए नीति निर्माण में नई पीढ़ी की अपेक्षाओं और विचारों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

समापन समारोह में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, एसपी सिंह बघेल ने कहा, “इन दो दिनों में राज्यों में परस्पर खुली बातचीत हुई और मेरा मानना है कि इस विचार-विमर्श से देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रावधान में बेहतर परिणाम मिल सकते हैं”

इस दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन आज के भारत के स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न पहलुओं पर सत्र आयोजित किए गए जिनमें, चिकित्सा शिक्षा की स्थिति से लेकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन मिशन, जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम और आयुष्मान भव विषय शामिल रहे।

कार्यक्रम में सदस्य, (स्वास्थ्य) नीति आयोग, वीके पॉल, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव,  राजेश भूषण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में ओएसडी सुधांश पंत, सचिव, आयुष,  डॉक्टर राजीव बहल, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी के साथ ही उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

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