हरियाणा में बाल विवाह की घटनाओं को रोकने के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग सरपंचों व निगम पार्षदों का लेगा सहयोग: रेनू भाटिया, अध्यक्ष हरियाणा राज्य महिला आयोग

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-साइबर क्राइम व बाल विवाह जैसी कुरीतियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्कूली छात्राओं को किया जाएगा जागरूक

-आयोग की अध्यक्ष ने गुरुग्राम में डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन कम प्रोहिबिशन ऑफिसर्स की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

-बैठक में डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन कम प्रोहिबिशन ऑफिसर्स को फील्ड में आने वाली चुनोतियों व कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधारों पर हुई चर्चा

गुरुग्राम, 3 अप्रैल। हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने कहा कि आयोग हरियाणा में बाल विवाह की घटनाओं की रोकथाम के लिए सरपंचों व निगम पार्षदों का सहयोग लेगा। आयोग जल्द ही प्रदेश के सभी सरपंचों के साथ बैठक करने जा रहा है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पढ़ी -लिखी पंचायतों व उनमे 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी होने के चलते हमारी सामाजिक जिम्मेदारी बनती है कि हम बाल विवाह जैसी कुरूतियों से मिलकर लड़ें। आयोग की अध्यक्ष सोमवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में राज्य के सभी जिलों में कार्यरत डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन कम प्रोहिबिशन ऑफिसर्स की बैठक को संबोधित कर रही थी। बैठक में जिलावार बीते एक वर्ष के दौरान आयोग के कार्यों की समीक्षा की गयी। बैठक में डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन कम प्रोहिबिशन ऑफिसर्स ने अपने विचारों, मुद्दों और चुनौतियों को साझा किया।


अध्यक्ष रेनू भाटिया ने बैठक में बताया कि मार्च माह में फरीदाबाद के सूरजकुंड में राष्ट्रीय महिला आयोग की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में आयोग की जिलावार टीम की चुनौतियों पर गहन मंथन किया गया। इसी क्रम में आज की बैठक में प्रदेश के सभी जिलों में आयोग की कार्यप्रणाली व उसमे किए जाने वाले आवश्यक सुधारों का मॉड्यूल तैयार कर राष्ट्रीय महिला आयोग को भेजा जाएगा। रेनू भाटिया ने कहा कि हरियाणा में नारी शक्ति को उनके अधिकारों, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ व बाल विवाह जैसे विषयों के प्रति जागरूक करने के लिए निरन्तर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हरियाणा में कुल 75 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। जोकि देश में सर्वाधिक थे। जागरूकता कार्यक्रम के इंडेक्स में महाराष्ट्र प्रदेश 27 कार्यक्रम के साथ दूसरे स्थान पर था।उन्होंने बताया कि आयोग ने वर्ष 2023-24 में 100 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से 20 कार्यक्रम कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटीज के आयोजित किए जाएंगे।

रेनू भाटिया ने बताया आयोग को वर्ष 2022-23 में दहेज, विवाहेतर संबंधों, बाल विवाह व महिलाओं की साइबर क्राइम से जुड़ी कुल 2246 शिकायते प्राप्त हुई थी। जिसमें से 1775 का निवारण किया जा जा चुका है। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग प्रदेश के स्कूलों में छठी कक्षा से छात्राओं के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। जिसमें उन्हें साइबर क्राइम व बाल विवाह सहित उनके अन्य अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा।


बैठक में सभी जिला प्रोटेक्शन अधिकारियों ने आयोग की अध्यक्ष को अपनी फील्ड विजिट के दौरान होने वाली चुनोतियों से से अवगत कराया। अध्यक्ष रेनू भाटिया ने सभी को आश्वस्त किया की फील्ड विजिट के दौरान उनको जो भी चुनोतियाँ पेश आ रही हैं। उनके समाधान के लिए संबंधित विभाग के प्रमुखों से बात कर उनका निवारण किया जाएगा। वहीं सरकार के स्तर पर जो कार्य होना है उसके लिए भी सरकार को पत्र लिखा जाएगा। बैठक के दौरान हरियाणा राज्य के संदर्भ में डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट, 2005 और डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन कम प्रोहिबिशन ऑफिसर्स की भूमिका को लेकर प्रशिक्षण सत्र भी रखा गया था। आयोग की अध्यक्ष ने बैठक में उत्कृष्ट कार्य करने वाली टीम सदस्यों को प्रसंशा पत्र देकर सम्मानित भी किया।


इस अवसर पर सीडीपीओ नेहा दहिया, महिला आयोग की ईमपैनल अधिवक्ता रितु कपूर, गुरुग्राम पुलिस से इंस्पेक्टर पूनम, महिला आयोग की टीम से प्रीति वर्मा सहित प्रदेश के सभी जिलों से आई डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन कम प्रोहिबिशन ऑफिसर्स मौजूद रही।

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