सुशासन दिवस पर मुख्यमंत्री देंगे तोहफा : 28 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को मिलेंगे ऑनलाइन पीले राशन कार्ड

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चण्डीगढ़, 16 दिसम्बर : सुशासन को आधार मान और सूचना प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग से व्यवस्था परिवर्तन करने में लगे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब प्रदेश के बीपीएल परिवारों को नव वर्ष पर नए पीले राशन कार्ड का तोहफा देंगे।  ये पीले राशन  कार्ड ऑनलाइन माध्यम से 28.93 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को दिए जाएंगे। इस प्रकार मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों द्वारा बीपीएल कार्ड के नाम पर हुई राजनीति को खत्म कर इस जटिल समस्या का समाधान करने की पहल की है। मुख्यमंत्री प्रदेश के 28.93 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को एक क्लिक के माध्यम से पीले राशन कार्ड का तोहफा नव-वर्ष पर देने जा रहे है।

प्रदेश में पीले राशन कार्ड बनाने के नाम पर जड़ें जमा चुके भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए इस कार्य को व्यवस्थित करने की पहल की और अब  प्रदेश में गरीब परिवारों को पीले राशन कार्डों का सीधा लाभ मिल पायेगा। सबसे पहले मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों के बीपीएल सर्वे को रद्द कर नए सिरे से सर्वे के आदेश दिए। उसके बाद अलग से नागरिक सूचना संसाधन विभाग का गठन किया और बीपीएल परिवार के आंकड़ों का मिलान खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग से करवाया। इतना ही नहीं बीपीएल कार्ड के लिए न्यूनतम वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार रुपये की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपये किया जिसका परिणाम यह हुआ कि बीपीएल लाभार्थियों की संख्या 11.50 लाख से बढ़कर 28.93 लाख तक पहुँच गई। बीपीएल आंकड़ों को और अधिक सत्यापित करने के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के डाटा से भी मिलान किया गया।

उल्लेखनीय है कि परिवार पहचान पत्र हरियाणा की एक अनूठी योजना है। परिवार पहचान पत्र में परिवार की आय सहित हर सदस्य की सटीक जानकारी उपलब्ध है, जबकि आधार कार्ड में सिर्फ एक ही व्यक्ति की जानकारी होती है।  हरियाणा की इस योजना को अब उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर ने अपने- अपने राज्यों में लागू करने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री की  “एक देश- एक राशन कार्ड योजना” को हरियाणा देने जा रहा है मूर्तरूप

मुख्यमंत्री मनोहर लाल के लगातार सतत प्रयासों के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर योजना को पिछले 8 वर्षों से हरियाणा ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे पहले लागू करने की पहल की है। इन योजनाओं में स्वामित्व, पढ़ी- लिखी पंचायतें, ऑनलाइन अध्यापक स्थानांतरण पॉलिसी, परिवार पहचान पत्र आदि शामिल हैं जिन्हें देश के स्तर पर पहचान मिली है। स्वामित्व योजना को तो स्वयं प्रधानमंत्री ने अन्य राज्यों से अपनाने की अपील तक की है।

हरियाणा में अब नया राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाईन प्रणाली शुरू की गई है। अब कोई भी व्यक्ति सरल पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन कर सकता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत पात्र परिवारों को अन्त्योदय अन्न योजना परिवार तथा प्राथमिक परिवार दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। अन्त्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम और बी0पी0एल0/ओ0पी0एच0 परिवारों को 5 किलोग्राम अनाज 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरित किया जा रहा है। कोरोना काल के समय आरंभ की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत अप्रैल, 2020 से मुफ्त में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। इस योजना को दिसम्बर, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।

इसी प्रकार सरकार द्वारा अंत्योदय आहार योजना के अंतर्गत बी.पी.एल./ए.ए.वाई. परिवारों को 20 रुपये की दर से 2 लीटर सरसों का तेल जनवरी, 2018 से मई, 2021 तक वितरित किया गया तथा जून, 2021 से प्रति परिवार 250 रुपये ऐसे परिवारों के खातों में स्थानान्तरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा फोर्टिफाइड आटे का वितरण 5 जिलों में किया जा रहा है जिसमें यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और  पंचकूला शामिल हैं।

अंत्योदय ही मुख्यमंत्री का मूल मंत्र

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के मूल मंत्र को सही मायने में हरियाणा में चरितार्थ किया है। चाहे वह सरकारी नौकरियां देने की बात हो या किसी भी योजना का लाभ, मुख्यमंत्री ने अंत्योदय को ही सर्वोपरि रखा है। हाल ही में हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से की जा रही पीजीटी/टीजीटी की भर्ती में भी  प्राथमिकता देते हुए 1 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले अंत्योदय परिवारों के आवेदनकर्ताओं को 50 अंक तथा 1.80 लाख वार्षिक आय वालों को 40 अंक और उसके बाद वार्षिक आय के अनुसार 30, 20 व 10 अंक देने का प्रावधान किया है।

वर्ष 2016 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’’ के अन्तर्गत गरीब परिवारों की महिलाओं को गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाने हेतू 1600 रू0 की वितीय सहायता सरकार द्वारा दी गई। ऐसे लाभार्थियों की संख्या 7,30,960 है। इसके अलावा स्टेट फंड से 1,88,304 गैस कनैक्शन जारी किए गए। इस तरह से प्रदेश में गरीब परिवारों को 9,19,264 गैस कनैक्शन दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री के प्रयासों से वर्ष 2017 में हरियाणा देश में सबसे पहले ‘‘कैरोसिन मुक्त’’ प्रदेश बना।

वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों के कल्याण में शुरू की गई अनेक योजनाओं से जहाँ इन परिवारों को आर्थिक लाभ हुआ है, वहीं जीवन स्तर में भी सुधार देखने को मिल रहा है।

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