गुरु द्रोण की पावन धरा पर संस्कृति,अध्यात्म व कला के संगम के साथ हुआ गीता जयंती महोत्सव का आरम्भ

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– कत्थक नृत्यांगना नयनिका घोष की प्रस्तुति से सजा गीता महोत्सव का मंच, राजकीय विद्यालय कादीपुर के विद्यार्थियों की प्रस्तुति ने किया महोत्सव को अध्यात्म से रोशन

– सीईओ जिला परिषद् ने कलाकारों को दी शुभकामनाएं, कहा- गीता महोत्सव में कला व संस्कृति का समागम

गुरुग्राम 2 दिसंबर। गुरू द्रोण की पावन धरा पर संस्कृति, अध्यात्म व कला के संगम के साथ गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस महोत्सव में आयोजित प्रदर्शनी के साथ साथ जिलावासियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जमकर लुत्फ उठाया। कत्थक नृत्यांगना नयनिका घोष की प्रस्तुति ने जहां गीता महोत्सव की संध्या को अपनी कला से रोशन कर दिया, वही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कादीपुर के विद्यार्थियों की धार्मिक व सांस्कृतिक प्रस्तुति ने लोगों के अंतर्मन में स्थान बनाया। यह महोत्सव जिला के सिविल लाइंस स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हॉल परिसर में 4 दिसंबर तक मनाया जाएगा।

गुरु द्रोण की पावन धरा पर संस्कृति,अध्यात्म व कला के संगम के साथ हुआ गीता जयंती महोत्सव का आरम्भ 2
गीता जयंती महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर जिला परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनु ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए इसका विधिवत् शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने महोत्सव में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और वहां लगाई गई स्टॉल के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रदर्शनी में कई स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की भी स्टॉल लगाई गई थी। इस मौके पर विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र- छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

इस मौके पर शारदा इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा ने गणेश वंदना की आकर्षक प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कादीपुर के विद्यार्थियों द्वारा हरियाणवी लोकनृत्य ‘ म्हारा हरा-भरा हरियाणा ‘, ‘दूध-दही का खाना सै, रीत पुरानी सै‘, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं पर आकर्षक प्रस्तुति दी गई। इसी विद्यालय की छात्राओं द्वारा राधा-कृष्ण की रासलीला पर आधारित प्रस्तुति दी गई जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में विश्व विख्यात कथक कलाकार नयनिका घोष द्वारा ‘जय जय राधे कृष्ण हरे‘ पर कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के बालपन में मां यशोदा तथा राधा-कृष्ण की रासलीला के भावों को चित्रित किया गया था। उनकी प्रस्तुति ने पूरे वातावरण को भक्तिमय करते हुए उपस्थित दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसी प्रकार, राजकीय विद्यालय कादीपुर के राहुल की हरियाणवी संस्कृति पर आधारित प्रस्तुति पर दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई।गुरु द्रोण की पावन धरा पर संस्कृति,अध्यात्म व कला के संगम के साथ हुआ गीता जयंती महोत्सव का आरम्भ 3

कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए जिला परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनु ने कहा कि भारतीय संस्कृति में ज्ञान और धर्म एक साथ चलते हैं, जो हमें आपस में मिल जुल कर रहना सिखाते हैं। गीता में कर्म करने के साथ-साथ आचरण, ज्ञान व आस्था के उचित संतुलन की बात कही गई है। भारतीय परंपरा में इन सभी के संतुलन के साथ जीवन में निरंतर कर्म करने के लिए प्रेरित किया गया है। चरैवति-चरैवति की परंपरा में अपने विवेक के साथ आगे बढऩे का श्रेष्ठ ज्ञान भारतीय धर्म-संस्कृति में ही निहित है। गीता के ज्ञान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यही ज्ञान दिया कि उठ और युद्ध कर। आज हर किसी के अंतर्मन  में कुरुक्षेत्र है और मन की दुविधा को कैसे दूर करना है, इस बात का जिक्र गीता में मिलता है। उन्होंने कहा कि जिस काम के लिए जो बना है उसे अपना श्रेष्ठ देते हुए कर्म करना चाहिए। जीवन में बड़ा ध्येय रखते हुए हमें किसी स्तर पर रूकना नहीं चाहिए। गीता महोत्सव के जरिए कर्म पर फोकस करने की सीख मिलती है, अगर कर्म अच्छा होगा तो स्वाभाविक है कि परिणाम भी अच्छा मिलेगा।

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के संयुक्त निदेशक एनसीआर आर एस सांगवान ने अपने संबोधन में कहा कि गीता हमे जीवन जीने की कला सिखाती है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने संपूर्ण मानवता को संदेश दिया। इस संदेश को देशभर ही नही, विदेशों तक पहुंचाने का बीड़ा वर्तमान सरकार ने उठाया है और आज गीता का संदेश विश्वभर में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें बताई गई शिक्षा पूरी मानव जाति के लिए हितकारी है। श्री सांगवान ने 4 दिसंबर तक चलने वाले गीता जयंती महोत्सव में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के बारे मे विस्तार से बताया।

जीयो गीता से लोकेशव नांरग ने गुरु और शिष्य के सम्बंध पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री कृष्ण ही इस संसार के सब से पहले गुरु हैं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने अध्यापक की शिक्षाओं को अपनाएं और अध्यापन का कार्य पूरी एकाग्रता के साथ करें। इसी प्रकार, आचार्य जय भगवान ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए गीता में निहित शिक्षाओं के बारे में अपने विचार रखे।

महोत्सव में सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि ने अपने कर-कमलों से स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अतर सिंह संधू भी उपस्थित रहे।

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