ईपीएफओ में अगस्त 2022 में कुल 16.94 लाख सदस्य जुड़े : लगभग 9.87 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए

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नई दिल्ली :  कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा 20 अक्टूबर को जारी अपनी भुगतान पंजिका (पेरोल) के अनंतिम पेरोल आंकड़ों (डेटा) से यह दर्शाया गया है कि ईपीएफओ ने अगस्त, 2022 के महीने में अपने साथ कुल 16.94 लाख सदस्य जोड़े हैं। पेरोल डेटा की वर्ष – प्रति-वर्ष तुलना अगस्त 2022 में पिछले वर्ष 2021 की तुलना में कुल (सकल) सदस्यता वृद्धि में 14.40% की वृद्धि दर्शाती है।

आलोच्य महीने के दौरान जोड़े गए कुल 16.94 लाख सदस्यों में से लगभग 9.87 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं। जोड़े गए 9.87 लाख नए सदस्यों में से लगभग 58.32 प्रतिशत 18- 25 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। यह आयु-समूह किसी व्यक्ति की अर्जन क्षमता और उसकी शिक्षा के बाद बड़ी संख्या में संगठित कार्यबल में शामिल होने की क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण चरण का प्रतीक है।

आंकड़ों से पता चलता है कि महीने के दौरान, लगभग 7.07 लाख कुल सदस्य कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में लाए गए प्रतिष्ठानों के भीतर अपनी नौकरी बदलकर पहले तो ईपीएफओ से बाहर निकल गए, लेकिन वे फिर से शामिल हो गए और उन्होंने अंतिम निपटान के लिए दावे जमा करने के बजाय अपने फंड को पिछले भविष्य निधि (पीएफ) खाते से चालू खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प चुना। इसका श्रेय ईपीएफओ द्वारा निर्बाध सेवा वितरण के लिए उठाए गए विभिन्न ई-पहलों को दिया जा सकता है।

भुगतान पंजिका (पेरोल) डेटा के लैंगिक आधार पर विश्लेषण से संकेत मिलता है कि अगस्त, 2022 में महिला सदस्यों का कुल नामांकन 3.63 लाख रहा है। नामांकन डेटा की वर्ष–प्रति–वर्ष तुलना से पता चलता है कि अगस्त, 2022 में संगठित कार्यबल में महिलाओं की कुल सदस्यता में अगस्त, 2021 में पिछले वर्ष के दौरान निवल महिला सदस्यता के साथ तुलना में 22.60% की वृद्धि हुई है।

राज्य-वार पेरोल के आंकड़े इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार आदि राज्यों में महीने-दर-महीने वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई। समीक्षाधीन महीने के दौरान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली लगभग 11.25 लाख कुल सदस्यों को जोड़कर आगे बने हुए हैं, जो सभी आयु समूहों में कुल शुद्ध पेरोल वृद्धि का 66.44% है।

उद्योग-वार पेरोल डेटा का वर्गीकरण यह करता है कि मुख्य रूप से दो श्रेणियों अर्थात ‘विशेषज्ञ सेवाएं’ (जनशक्ति एजेंसियों, निजी सुरक्षा एजेंसियों और छोटे ठेकेदारों आदि से मिलकर) और ‘व्यापारिक-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान’ में महीने के दौरान कुल सदस्य वृद्धि का 47.03% हैं। पिछले महीने के उद्योग-वार आंकड़ों की तुलना में, ‘इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल या सामान्य इंजीनियरिंग उत्पाद’ निजी क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक ‘मीडिया कंपनियां, ‘विश्वविद्यालय’, ‘वित्तीय प्रतिष्ठान’ आदि जैसे उद्योगों में उच्च नामांकन देखा गया है।

ये पेरोल डेटा अनंतिम है क्योंकि ऐसे आंकड़ों को तैयार करना एक सतत प्रक्रिया है जिसमें कर्मचारी रिकॉर्ड को निरंतर अद्यतन करना होता है। इसीलिए पुराने / पिछले आंकड़ों को हर महीने अद्यतन (अपडेट) किया जाता है। ईपीएफओ अप्रैल-2018 के महीने से सितंबर, 2017 की अवधि को शामिल (कवर) करते हुए पेरोल डेटा जारी कर रहा है। मासिक भुगतान पंजिका (पेरोल) डेटा में, आधार मान्य सार्वभौमिक खाता संख्या (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर- यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले वर्तमान सदस्य और ऐसे व्यक्ति जो बाहर निकल गए लेकिन फिर से सदस्य बने, को सकल (कुल) मासिक पेरोल में नामांकन के लिए शामिल किया जाता है।

ईपीएफओ कीभुगतान पंजिका (पेरोल) उन प्रतिष्ठानों के लिए संगठित क्षेत्र के कार्यबल का एक हिस्सा है जो कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के अंतर्गत आते हैं। यह सदस्यों को उनकी सेवानिवृत्ति और परिवार पेंशन एवं सदस्य की असामयिक मृत्यु के मामले में उनके परिवारों को बीमा लाभ पर भविष्य निधि, पेंशन लाभ प्रदान करता है।

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