हरियाणा ने पदमा योजना के प्रारूप को दी स्वीकृति

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राज्य में बढ़ते औद्योगीकरण को ध्यान में रखते हुएऔद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए पदमा योजना शुरू की गई है

चंडीगढ़, 19 अक्तूबर :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु एडवांसमेंट (पीएडीएमए) योजना के विकास में तेजी लाने के लिए कार्यक्रम के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म और लघु उद्यमों पर केंद्रित विकासात्मक हस्तक्षेपों को डिजाइन और कार्यान्वित करना, क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर और स्थायी रोजगार पर जोर देना है तथा उद्यमिता के अवसर सृजित करना है। प्रारूप की स्वीकृति के बाद अब योजना को अधिसूचित किया जाएगा।

इस योजना का लक्ष्य लगभग 4000 एकड़ भूमि पर एमएसएमई के 143 नए क्लस्टर (प्रत्येक ब्लॉक में एक) स्थापित करना है। क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों पर केंद्रित विकासात्मक हस्तक्षेपों को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये तक के निवेश को आकर्षित कर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से  3, 00,000 नए रोजगार के अवसर सृजित करना है।

इसके अलावा, इस योजना का उद्देश्य स्थायी रोजगार और उद्यमिता के अवसरों पर जोर देना है। समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और ब्लॉक स्तर पर एक मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना राज्य के युवाओं को नए उद्यम स्थापित करने के लिए अवसर प्रदान कर सशक्त बनाना है। औपचारिक अर्थव्यवस्था स्थानीय रूप से प्रासंगिक उत्पादों को बढ़ावा देना और राज्य के किसानों को उत्पादकों से प्रोसेसर तक अपने क्षितिज को व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करना है।

इस बीच, उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के उत्पादन के साथ हरियाणा में प्रचलित उच्च औद्योगीकरण को देखते हुए, राज्य सरकार ने एक जिला एक उत्पाद अवधारणा से एक कदम आगे बढ़कर एमएसएमई उन्नति के विकास में तेजी लाने के लिए एक ब्लॉक एक उत्पाद के तहत पदमा का पहला कार्यक्रम 23 फरवरी, 2022 को आरंभ किया गया था तथा 10 अगस्त, 2022 को  मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदिया किया गया था।

पदमा का उद्देश्य क्लस्टर दृष्टिकोण का लाभ उठाकर ब्लॉक स्तर पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सक्षम बनाने के लिए विकासात्मक हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करके एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। यह स्थायी रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के साथ-साथ संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा भी देगा।

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