-जल की कमी और जल भराव वाले क्षेत्रों में की जाएगी क्रियान्वित
चण्डीगढ, 18 अक्तूबर : हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण अध्यक्षा श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि जिला जल संसाधन योजना 2022-25 तैयार की गई है। इस योजना तहत राज्य मेंं हर साल जल की कमी के साथ-साथ जलभराव वाले क्षेत्रों के लिए ठोस एवं कारगर कदम उठाए जाएंगे।
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा आज राज्य में स्थाई जल संसाधन प्रबंधन एवं योजना क्रियान्वयन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। बैठक में जल संसाधन के अधीक्षक अभियंता, सघन एवं जल प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि जल संसाधन योजना 2022-25 प्रदेश के 22 जिलों के लिए स्थायी जल प्रबंधन और योजना क्रियान्वयन की दिशा में बेहतर कार्य करेगी। इस कार्य योजना के तहत पानी की कमी के साथ जल भराव वाले क्षेत्रों में आगामी तीन साल के दौरान पानी के अंतर को 45 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से पहले साल मे 10 प्रतिशत, दूसरे साल में 15 प्रतिशत तथा तीसरे साल में 20 प्रतिशत पानी की कमी और जल भराव की समस्या को दूर किया जा सकेगा।
श्रीमती अरोड़ा ने जिला यमुनानगर और अंबाला में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों जिलों ने जल भराव एवं जल प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणीय कार्य किया हैं। उन्होंने सभी जिलों के लिए एकीकृत और समग्र तीन वर्षीय ग्राम-स्तरीय जल कार्रवाई योजना तैयार करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में पिछड़ने वाले जिलों के लिए सतही जल और भूजल के स्थाई जल के उपयोग को शामिल करके एक व्यापक स्तर की योजना बनाकर क्रियान्वित करने की आवश्यकता है जिसका उपयोग बढाकर और अधिक सकारात्मक परिणाम लाए जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य में गैर-पीने योग्य पानी के उद्देश्यों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का प्रयोग किया जाए ताकि मीठे पानी के संसाधनों पर निर्भरता को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसा किया जाना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए प्रत्येक जिले से कम से कम दो नवीन परियोजनाओं को आमंत्रित किया जाए और इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर अधिक निगरानी की जानी चाहिए।
मुख्य अभियंता श्री सतबीर सिंह कादियान ने कहा कि जल संसाधन प्राधिकरण एवं जल प्रबंधन विभाग का यह महत्वपूर्ण एक सूत्रीय कार्यक्रम है। इस द्विवार्षिक जल प्रबंधन योजना को मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी जिलों में 24 अक्तूबर तक लागू किया जाएगा।