कोलकाता : कोलकाता में आज भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोप में ममता सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया और सचिवालय घेराव की कोशिश में मार्च निकाला । इसे सचिवालय चलो मार्च (‘नबन्ना चलो मार्च’) नाम दिया गया था । कोलकाता पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं को सचिवालय पहुँचने से पहले ही रोक दिया । पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी समेत कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सचिवालय से पहले रास्ते में ही हिरासत में ले लिया ।
पुलिस कार्रवाई के बाद भाजपा कार्यकर्ता भड़क उठे । खबर है कि कोलकाता के लालबाजार एरिया में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी फूंक दी। वहीं भीड़ को काबू पाने के लिए बंगाल पुलिस ने लाठीचार्ज किया । पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया ।
मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कॉलेज स्कॉयड के पास पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया। हिरासत में लेने के दौरान रानीगंज और बोलपुर में भी भाजपा कार्यकर्ताओं की बंगाल पुलिस के साथ झड़प हुई। उधर शांतिपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन में अर्पिता और पार्थ चटर्जी के पोस्टर लहराए। पोस्टर पर चोर लिखा हुआ था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार को कोलकाता पुलिस ने हावड़ा रेलवे स्टेशन पर ही रोककर हिरासत में ले लिया।
सांतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, सांसद लॉकेट चटर्जी समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। हिरासत में लेने के दौरान भाजपा नेता अधिकारी ने कहा, ‘बंगाल की जनता ममता बनर्जी के साथ नहीं है, इसलिए वह बंगाल में उत्तर कोरिया की तरह तानाशाही कर रही हैं।’ दिलीप घोष ने बंगाल पुलिस पर तृणमूल कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाया है।
भाजपा ने सचिवालय की तीन तरफ से घेराबंदी की प्लानिंग की थी। हावड़ा रेलवे स्टेशन से सुकांतो मजूमदार, सांतरागाछी से शुभेंदु अधिकारी और स्क्वॉड से दिलीप घोष को सचिवालय जाना था, लेकिन पुलिस ने तीनों को रोक लिया। नेताओं को रोकने के लिए बंगाल पुलिस ने स्पेशल फोर्स की तैनाती की थी।पश्चिम बंगाल में 14 सितंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा का यह प्रदर्शन सड़क पर शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश है। प्रदर्शन में भाजपा ने बंगाल में तृणमूल नेताओं के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल के दो कद्दावर नेता पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल जेल में हैं।