नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज ओडिशा के कटक में उड़िया भाषा के समाचार पत्र प्रजातंत्र की 75वीं वर्षगाँठ पर आयोजित प्रजातंत्र के अमृत उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अमित शाह ने भुवनेश्वर के सुप्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में महादेव के दर्शन भी किए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कटक में महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के पैत्रक निवास व जन्मस्थली पर जाकर नेताजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
प्रजातंत्र के अमृत उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि मैं जब-जब भी उत्कल भूमि पर आता हूँ तो महाप्रभु को प्रणाम करके ही भूमि पर पैर रखता हूँ, भगवान जगन्नाथ पूर्व से पश्चिम तक समग्र देश को भक्ति और संस्कृति से जोड़ कर रखते हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष देश की आज़ादी के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले आंदोलनकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण करने और देश की आज़ादी में दिए गए उनके योगदान को स्वीकार करने का वर्ष है।
श्री शाह ने देश की आज़ादी में उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब और प्रजातंत्र अख़बार के योगदान को नमन करते हुए कहा कि उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब ने ना केवल आज़ादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि आज़ादी के बाद भी केन्द्रीय मंत्री, मुंबई के राज्यपाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री और प्रजातंत्र के सजग प्रहरी के नाते हमेशा उत्कल प्रजा को गौरव भी दिलाया। उनके द्वारा शुरू किया गया ‘प्रजातंत्र’ 75वर्षों से जनता के हितों के प्रति समर्पित होकर काम कर रहा है। डॉ हरिकृष्ण महताब के दिखाए हुए रास्ते पर आज भ्रतृहरी महताब जी प्रजातंत्र को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होने कहा कि किसी समाचार पत्र के 75 साल होना अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है, लेकिन 75 साल तक एक विचार, देश और जनता को समर्पित रखते हुए बिना कोई समझौता किए हमेशा उत्कल जनता की आवाज़ बनकर अख़बार चलाना उससे भी बड़ी बात है। चाहे आपातकाल हो, कालाहांडी हो, राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) आंदोलन हो या 1964 का छात्र आंदोलन हो, प्रजातंत्र ने हर आंदोलन को आवाज़ देने का काम किया है। श्री शाह ने प्रजातंत्र समाचार पत्र को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जब स्वतंत्रता की शताब्दी मनाई जाए तब प्रजातंत्र की शताब्दी भी गौरव के साथ मनाई जानी चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह उत्कल प्रदेश के साथ ही पूरे भारत के लिए गर्व की बात है कि एक गरीब जनजातीय परिवार से आने वाली श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी देश की राष्ट्रपति बनी हैं, इसके लिए मैं सभी उत्कलवासियों को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि देश की हमारी संविधान सभा में एक भी जनजातीय महिला नहीं थी, लेकिन आज उसी संविधान द्वारा स्थापित प्रजातंत्र में श्रीमती द्रौपदी मुर्मु देश की महामहिम राष्ट्रपति हैं।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम सभी ओडिशा के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार के लिए प्रयास कर रहे हैं। मोदी जी का प्रयास है कि टीम इंडिया के नाते केन्द्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर काम करें। उन्होने कहा कि ओडिशा में जन्मीं श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज देश की राष्ट्रपति हैं, धर्मेन्द्र प्रधान शिक्षा मंत्री हैं, अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं, विश्वेश्वर टुडु भी केन्द्र में मंत्री हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर भी ओडिशा से आते हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद ओडिशा को इतना प्रतिनिधित्व पहले कभी नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि ओडिशा में विकास की अपार संभावनाएं हैं और आने वाले दिनों में राज्य का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्कल केसरी डॉ हरिकृष्ण महताब जी को उनके एक और योगदान के लिए याद किया जाता है। जब वर्ष 1947 में सरदार पटेल इस क्षेत्र की सभी रियासतों को जोड़ने यहां आए थे तब उन्होंने डॉ हरिकृष्ण महताब को सभी रियासतों को भारतीय संघ में जोड़ाने की ज़िम्मेदारी दी थी और डॉ महताब ने बहुत अच्छे तरीके से यह काम किया। श्री शाह ने भारत सरकार और देश की जनता की ओर से डॉ हरिकृष्ण महताब को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
श्री शाह ने कहा कि डॉ महताब ने कहा था कि किसी भी देश की जनता को सांस्कृतिक विकास के बिना महान नहीं बना सकते और हमारा उत्कल प्रदेश सांस्कृतिक विरासत का बहुत धनी है। यहां, भाषा, उसका गौरव, संगीत, नाट्यकला और साहित्य देश के कुछ उत्कृष्ट प्रदेशों की साहित्यिक रचनाओं में से जाने जाते हैं। हमें इस विरासत को आगे ले जाना है और डॉ हरिकृष्ण महताब को यही सच्ची ऋद्धांजलि होगी। श्री शाह ने कहा कि श्री भर्तृहरि महताब जी ने देश की राजभाषा को मज़बूत करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने ना सिर्फ़ ओडिशा, बल्कि पूरे देश के सभी राज्यों में राजभाषा को बल देने का प्रयास किया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रजातंत्र सिर्फ एक अखबार नहीं है बल्कि एक ऐसा संस्थान है जहां से सैकड़ों कलम के सन्यासी निकले हैं, जिन्होंने साहित्य का सृजन किया, पत्रकारिता में आए, गद्य और पद्य का सृजन किया और कुछ लोगों ने ओडिशा के गौरवगान के लिए अपना जीवन समर्पित किया। 75 साल में प्रजातंत्र ने अनेक साहित्यकार और पत्रका