नई दिल्ली : राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अपनी एक जांच के दौरान मैसर्स वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (जिसे ‘मैसर्स वीवो इंडिया’ के रूप में भी संदर्भित किया जाता है) से लगभग 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का खुलासा किया है।
मैसर्स वीवो इंडिया, मैसर्स वीवो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड, ग्वांगडोंग, चीन की एक सहायक कंपनी है और यह मोबाइल हैंडसेट और एक्सेसरीज़ के निर्माण, इसकी असेम्बलिंग और थोक व्यापार के साथ-साथ वितरण के व्यवसाय से जुड़ी है।
डीआरआई अधिकारियों द्वारा मैसर्स वीवो इंडिया के कारखाने परिसर में तलाशी के दौरान मैसर्स वीवो इंडिया द्वारा मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग के लिए आयातित कुछ वस्तुओं के विवरण में जानबूझकर गलत जानकारियां देने के आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए गए।
इन गलत जानकारियों के परिणामस्वरूप मैसर्स वीवो इंडिया ने 2,217 करोड़ रुपये की राशि के अनुचित शुल्क छूट का गलत लाभ उठाया। जांच पूरी होने के बाद मैसर्स वीवो इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसके तहत सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के अंतर्गत 2,217 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क को जमा करने को कहा गया है।
मैसर्स वीवो इंडिया ने अपनी अलग-अलग शुल्क देनदारी के निर्वहन के लिए स्वेच्छा से 60 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
हाल ही में डीआरआई द्वारा की गई एक अन्य जांच में मैसर्स ओप्पो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 4,403.88 करोड़ रुपये की डिमांडिंग ड्यूटी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए है।