मुख्य सचिव ने उपायुक्तों के साथ राइट ऑफ वे विषय को लेकर की समीक्षा बैठक
चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी जिला उपायुक्तों को मोबाइल एवं इंटरनेट सर्विस हेतू टावर लगाने के लिए राइट ऑफ वे परमिशन से संबंधित लंबित मामलों का निष्पादन जल्द से जल्द करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य सचिव ने सोमवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों के साथ राइट ऑफ वे परमिशन विषय को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने रोहतक, अंबाला, कैथल, करनाल, सोनीपत, पानीपत, यमुनानगर, नूहं, हिसार और कुरुक्षेत्र जिलों, जहां राइट ऑफ वे परमिशन के आवेदनों को रद्द करने की प्रतिशतता अधिक है, के उपायुक्तों को विशेष निर्देश देते हुए कहा कि जिन सेवा प्रदाताओं की ओर से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं, उन सभी सेवा प्रदाताओं को भी निर्देश दिए जाएं कि वे 7 से 10 दिनों के भीतर अपने दस्तावेज और निर्धारित शुल्क जमा कराना सुनिश्चित करें ताकि लंबित मामलों का जल्द से जल्द का निष्पादन पूर्ण हो सके।
उन्होंने जिला उपायुक्त को यह भी निर्देश दिए कि लंबित एप्लीकेशन को निपटाने के लिए किसी भी ऑपरेटर के एप्लीकेशन को तत्काल प्रभाव से रद्द न किया जाए। बल्कि जल्द से जल्द अपने जिलों में सेवा प्रदाताओं और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करें। सेवा प्रदाताओं को आवेदन रद्द होने के कारणों से अवगत करवाएं। उनके आवेदन की अप्रूवल में जो भी कमी है, उसे तत्काल पूरा करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कम्यूनिकेशन और मोबाइल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की व्यापार अनुकूल नीतियां हैं, इसलिए नागरिकों की सुाविधा को देखते हुए और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के नाते से सभी अनुमोदन तय समय में दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में आज भी मोबाइल सिग्नल व इंटरनेट कनेक्टिविटी से जुड़ी कोई समस्या है, उन जिलों में तत्काल टेलीकॉम टावर लगवाने के लिए दूरसंचार विभाग से संपर्क करें।
बैठक में बताया गया कि राइट ऑफ वे परमिशन से संबंधित जिलों में 5700 से अधिक आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है। अभी 1091 मामले लंबित हैं। कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें सेवा प्रदाताओं ने आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं या कुछ मामलों में तय शुल्कों का भुगतान नहीं हो पाया है। इस पर संज्ञान लेते हुए श्री संजीव कौशल ने स्पष्ट किया कि कम्युनिकेशन व क्नेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर नीति के अनुसार पुराने टॉवर के संबंध में जो कम्पाउंड राशि निर्धारित की गई है, वो सेवा प्रदाताओं को देनी होगी। इसलिए वे सभी इस देय राशि का भुगतान जल्द से जल्द करवाना सुनिश्चित करें।
बैठक में बताया गया कि कुछ मामले रेडियेशन सर्टिफिकेट जमा न करवाने के कारण लंबित पड़े हैं। इस पर मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों को अवगत करवाया कि कम्युनिकेशन व क्नेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर नीति के अनुसार रेडियेशन सर्टिफिकेट टॉवर लगाने के 30 दिनों के अंदर-अंदर जमा करवाना है, इसलिए इस सर्टिफिकेट के कारण अनुमति प्रदान करने में देरी न की जाए।
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय भारत सरकार के महानिदेशक (टेलिकॉम) ने कहा कि वे सेवा प्रदाताओं से संपर्क स्थापित करेंगे और उन्हें आवश्यक दस्तावेज निर्धारित समयावधि में जमा कराने के साथ-साथ तय शुल्कों का भुगतान करवाना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त श्री पी. के. दास, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार विभाग के प्रधान सचिव श्री अनिल मलिक, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।