– पास आउट हो रहे विद्यार्थियों से राज्यपाल ने कहा कि जिंदगी में सीखना कभी ना छोड़े
– बंडारू दत्तात्रेय बोले, मैं आज भी विद्यार्थी, गवर्नर बनकर हरियाणा की संस्कृति को सीख रहा
गुरुग्राम 21 जुलाई। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को लागू करें जोकि साइनटिफिक टेम्परामेंट, मॉरल वैल्युज, टैक्निकल व रिसर्च ओरिएंडिट अर्थात् वैज्ञानिक स्वभाव, नैतिक मूल्यों, तकनीकी व अनुसंधान उन्मुखी है। देश में यह नई शिक्षा नीति सन् 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा गया है परंतु हरियाणा सरकार ने इसे प्रदेश में सन् 2025 तक लागू करने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय वीरवार को गुरूग्राम के सेक्टर-53 स्थित आईआईएलएम युनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस समारोह में उन्हांेने विश्वविद्यालय के 170 विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्रियां तथा मैडल व अवार्ड प्रदान किए। इन 170 विद्यार्थियों मंे 84 छात्राएं थी। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवी संघ के प्रांत संघचालक श्री पवन जिंदल तथा कुलपति श्रीमति सुजाता साही, प्रतिकुलपति प्रो. रणबीर सिंह, कुलसचिव कर्नल ललित कपूर, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू भी उपस्थित थे।
इस मौके पर उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद नई सोच के साथ देश में परिवर्तन लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की बड़ी समस्या है, जिसके समाधान के लिए श्री मोदी ने कौशल विकास का मंत्र दिया है। कौशल विकास के लिए देश में नया मंत्रालय बनाया गया है। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा में भी युवाओं के कौशल विकास के लिए लगभग एक हजार करोड़ रूपए की लागत से पलवल जिला के गांव दुधौला में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इसके लिए उन्होंने हरियाणा सरकार को बधाई भी दी।
युवाओं से सीधा संवाद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जीवन में सीखना कभी ना छोड़े। मरते दम तक हर व्यक्ति का सीखना जारी रहता है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि मैं आज भी विद्यार्थी हूं, गवर्नर बनकर हरियाणा को पढ व सीख रहा हूं। यहां की कला, संस्कृति, स्मृद्ध परंपरा आदि को समझने का मौका मिला है। राज्यपाल ने यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय में विधि और पत्रकारिता भी पढाए जा रहे हैं। ये दोनों विषय आज के युग में बहुत महत्वपूर्ण व उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज को शिक्षित करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि आप जीवन में पॉजिटिव अटिट्यूड अर्थात् सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, तो आप अवश्य आगे बढेगे। आप टैक्नोलॉजी, इन्नोवेशन, रिसर्च आदि करके दुनिया में श्रेष्ठ बनने की सोच रखें। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमशीलता अपनाकर नौकरी देने वाले बनंे। राज्यपाल ने युवाओं के व्यक्तित्व विकास पर भी बल दिया और उनसे कहा कि प्रतिदिन एक घंटा खेल के मैदान में अवश्य लगाएं जिससे वे शारीरिक रूप से फिट होंगे और मानसिक रूप से स्वस्थ बनेगे। उन्होंने कहा कि युवा जीवन में आत्म विश्वास के साथ चुनौतियों का सामना करें और जरा सी कठिनाई होने पर आत्महत्या करने की ना सोचे। इसके साथ राज्यपाल ने यह भी कहा कि आज के समारोह में डिग्रियां तथा अवार्ड प्राप्त करने वालोें में लड़कियांे की संख्या ज्यादा देखने को मिली, जो समाज के लिए अच्छे संकेत हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियां जितना आगे बढेगी उतना ही हमारा समाज भी आगे बढेगा।
इससे पहले अपने विचार रखते हुए आर एसएस के प्रांत संघचालक श्री पवन जिंदल ने कहा कि आज का दीक्षांत समारोह देखकर उन्हें भी वह दिन स्मरण हो आया जिस दिन 1975 में वे स्नातक हुए थे। उन्होंने कहा कि डिग्री प्राप्तकर्ता विद्यार्थियों के लिए आज सौभाग्यशाली दिन है। डिग्री प्राप्त करने के बाद आप प्रोफेशनल जीवन में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर समाज और देश का ऋण भी है, जिससे चुकाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश में अनेक प्रकार की अनियमितताएं हैं जिन्हें देखकर दुख होता है। उन्हें दूर करना भी हम नागरिकों की ही जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आप सब आज संकल्प लेकर जाएं कि जीवन में चाहे जो भी नौकरी या व्यवसाय करें परंतु राष्ट्रहित के लिए प्रतिदिन समय अवश्य निकाले। इसके साथ श्री जिंदल ने यह भी कहा कि देश में यदि सात हजार व्यक्ति कर्तव्य को पूर्ण रूप से लागू करने का संकल्प ले ले तो व्यवस्थाएं एक दिन में ठीक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में 10 आईएएस व आईपीएस वरिष्ठ अधिकारी होते हैं और देश में लगभग 700 जिले हैं, यदि ये सभी लोग कर्तव्य परायणता का संकल्प लें ले तो सब ठीक हो सकता है। श्री जिंदल ने रूस-युक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया और कहा कि दुनिया से आवाज आ रही है कि भारत मध्यस्थता करे। आज भारत की ऐसी छवि विश्व में बनी हुई है और सभी जगहों पर भारतीयों का आदर होता है।