जीएसटी के कारण होने वाले नुक्सान की भरपाई पांच वर्ष तक करने का प्रावधान : पंकज चौधरी

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नई दिल्ली :  संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 की धारा 18 के अनुसार, संसद, कानून द्वारा, वस्तु एवं सेवा कर परिषद की सिफारिश पर, वस्तु एवं सेवा कर के कार्यान्वयन के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को पांच वर्ष की अवधि के लिए मुआवजे का प्रावधान करेगी। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।

केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि राज्यों/केन्द्र – शासित प्रदेशों को मुआवजे और जीएसटी के तहत संसाधनों को बढ़ाने के मुद्दे पर लखनऊ में आयोजित जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। परिषद के निर्णय के परिणामस्वरूप, दो मंत्रियों के समूह (जीओएम) – जीएसटी प्रणाली में सुधार से संबंधित मंत्रियों का समूह और दरों के युक्तिकरण से संबंधित मंत्रियों का समूह – का गठन किया गया है। दरों के युक्तिकरण से संबंधित मंत्रियों के समूह ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें कुछ उल्टे शुल्क सुधार और छूट में बदलाव की सिफारिश की गई है। इन सिफारिशों पर चंडीगढ़ में आयोजित जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में चर्चा और विचार – विमर्श किया गया।

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप जीएसटी परिषद की सिफारिशों के अनुरूप केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जीएसटी में निरंतर सुधार किए गए और हाल के महीनों में जीएसटी राजस्व में उछाल हासिल किया गया है। मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह पिछले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 1.10 लाख करोड़ रुपये के औसत मासिक संग्रह की तुलना में 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 1.51 लाख करोड़ रुपये का रहा है।

उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने जीएसटी मुआवजे के भुगतान को पांच वर्ष की परिवर्तनकाल की अवधि से आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है।

मंत्री ने आगे कहा कि जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 की धारा 7 के अनुसार, राज्यों को पांच वर्ष की अवधि के लिए जीएसटी (01.07.2017 से प्रभावी) के कार्यान्वयन के कारण होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई करने की आवश्यकता है। अवधि के दौरान, राज्यों के राजस्व को आधार वर्ष के राजस्व (2015-16) की तुलना में प्रति वर्ष 14 प्रतिशत की वृद्धि दर पर संरक्षित किया जाता है। तदनुसार, राज्यों को उनके संरक्षित राजस्व में किसी भी कमी के लिए मुआवजा दिया जा रहा है। वर्ष 2017-18 से लेकर 2022-23 के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों को देय और जारी किए गए जीएसटी मुआवजे का विवरण अनुलग्नक के अनुसार है।

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